
नेपाल की अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के कार्यकाल में देश का चालू व्यापार घाटा नए स्तर पर पहुंच गया है। इस बीच ओली ने अपने नए कार्यकाल में पहली विदेश यात्रा के लिए भारत के बजाए चीन को चुना है। इससे नेपाल में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है।
नेपाल का व्यापार घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में 460 अरब रुपये के पार हो गया। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। सीमा शुल्क विभाग के आंकड़ों के अनुसार नेपाल ने चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों के दौरान 513.38 अरब रुपये के सामान का आयात किया, जबकि निर्यात केवल 52.67 अरब रुपये तक सीमित रहा। इस बीच नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली चीन यात्रा पर रवाना होने वाले हैं। ओली को चीन का करीबी माना जाता है।
विभाग के अनुसार नेपाल ने चार महीनों में कुल 566.5 अरब रुपये के विदेशी व्यापार में 460.71 अरब रुपये का व्यापार घाटा देखा। आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में आयात 0.17 प्रतिशत बढ़ा, जबकि निर्यात में 4.16 प्रतिशत की वृद्धि हुई। चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों (जुलाई के मध्य से नवंबर के मध्य तक) में नेपाल का भारत के साथ व्यापार घाटा 281 अरब रुपये को पार कर गया है।
भारत-नेपाल व्यापार में अंतर देखें – इस अवधि के दौरान नेपाल ने भारत से करीब 317 अरब रुपये का सामान आयात किया, जबकि उसने भारत को सिर्फ 36 अरब रुपये का सामान निर्यात किया। इन चार महीनों में नेपाल ने 29.4 अरब रुपये का डीजल, 21.56 अरब रुपये का पेट्रोल और 18.85 अरब रुपये का एलपीजी आयात किया।
BRI की कीमत चुका रहा नेपाल? – नेपाल की ओली सरकार ने भारत के खिलाफ जाकर चीन के साथ संंबधों को मजबूत किया है। इससे नेपाल को खासा नुकसान उठाना पड़ा है। ओली ने अपने सभी कार्याकालों के दौरान भारत के ऊपर चीन को तरजीह दी है। ओली ने नेपाल के साथ बीआरआई समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जिसका भारत ने विरोध किया था। अब नेपाल को चीन से इसी करीबी का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
Home / Entertainment / Bollywood / कम्युनिस्ट ओली ने नेपाल का किया बेड़ा गर्क, खजाना खाली, यह चीन की BRI का असर तो नहीं?
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