
उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं के शरीर में कई बदलाव आते हैं। मेनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं और रोग बढ़ने की संभावना भी बढ़ जाती है।
बढ़ती उम्र में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के शरीर में ज्यादा बदलाव आते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण मेनोपॉज है जो 40 की उम्र के बाद महिलाओं की जिंदगी बदल कर रख देता है। 40 की उम्र के बाद महिलाओं के जीवन में मेनोपॉज आता है और अपने साथ कई समस्याएं भी लाता है।
मेनोपॉज के दौरान अगर महिलाएं अपनी सेहत का खास ध्यान न रखें तो कई रोगों की चपेट में आ सकती हैं। मेनोपॉज के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं के जीवन में क्या समस्याएं आती हैं? रूटीन ब्लड टेस्ट के अलावा इस उम्र में महिलाओं के लिए कौन से टेस्ट जरूरी हैं इसके बारे में बता रही हैं मदरहुड हॉस्पिटल, पुणे की ओब्स्टेट्रिशियन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. मानसी शर्मा।
पैप स्मीयर टेस्ट हर महिला के लिए जरूरी – महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर बहुत तेजी से बढ़ रहा है इसलिए यह टेस्ट हर महिला के लिए जरूरी है। पैप स्मीयर टेस्ट से सर्वाइकल कैंसर के बारे में अर्ली स्टेज में पता लगाया जा सकता है। महिला की उम्र चाहे जो हो, सेक्शुअल लाइफ शुरू होने के तीन साल बाद से हर महिला को पैप स्मीयर टेस्ट कराना चाहिए। सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए अब लड़कियों को HPV वैक्सीन दी जा रही है जो उनके लिए फायदेमंद है।
मैमोग्राफी के साथ सेल्फ एग्जामिनेशन – मेनोपॉज के बाद महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने का रिस्क बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए महिलाओं को हर साल रेगुलर मैमोग्राफी करानी चाहिए। इसके साथ ही आईने के सामने खड़े होकर सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिन करें। अगर ब्रेस्ट में कोई गांठ महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर अपनी जांच कराएं।
थायराइड चेक करना न भूलें – मेनोपॉज के बाद हार्मोन्स में असंतुलन के कारण कुछ महिलाओं की थायराइड की समस्या बढ़ जाती है। जिन महिलाओं को थायराइड की समस्या होती है उनके पीरियड्स रेगुलर नहीं रहते। मेनोपॉज के बाद ऐसी महिलाओं की थायराइड की समस्या बढ़ सकती है। इससे बचने के लिए मेनोपॉज के बाद नियमित रूप से ब्लड टेस्ट कराएं और थायराइड चेक कराते रहें।
मेनोपॉज के बाद बोन डेंसिटी टेस्ट कराएं – मेनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन कम होने लगता है। इसके कारण महिलाओं की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। कई महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस का शिकार भी हो जाती हैं। इससे बचने के लिए 40 की उम्र के बाद बोन डेंसिटी टेस्ट कराएं। साथ ही डाइट में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन डी वाले फूड आइटम शामिल करें। अगर जरूरत हो तो विटामिन सप्लीमेंट भी ले सकती हैं।
लिपिड पैनल टेस्ट कब कराएं? – मेनोपॉज के बाद महिलाएं अचानक मोटी होने लगती हैं। जो महिलाएं इस उम्र में फिटनेस पर ध्यान नहीं देतीं उनका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है। कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने से दिल की बीमारियां होने का रिस्क रहता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक करने के लिए लिपिड पैनल टेस्ट किया जाता है। 40 की उम्र के बाद हर महिला को ये टेस्ट जरूर कराना चाहिए।
दिल को दुरुस्त रखने के लिए हेल्दी डाइट जरूरी है। 40 की उम्र के बाद महिलाओं को अपनी डाइट पर विशेष ध्यान देना चाहिए। महिलाओं को 40 की उम्र के बाद 5 विटामिन की कमी से होती हैं हार्ट डिजीज।
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