
इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम समझौता होने के बाद फिलीस्तीनी नागरिकों ने गाजा लौटना शुरू कर दिया है। हमास नियंत्रित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है, कि पिछले 15 महीनों से चल रही लड़ाई में 47 हजार से ज्यादा फिलीस्तीनी नागरिक मारे गये हैं। वहीं, गाजा पट्टी में रहने वाले करीब 23 लाख लोगों में से 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग विस्थापित हो गये हैं।
इजरायली बमबारी में गाजा पट्टी तबाह हो चुका है, हमास की टॉप लीडरशिप का सफाया हो चुका है, फिर भी इस आंतकवादी संगठन की अकड़ नहीं टूटी है। 15 महीनों की जंग के बाद, अब जबकि इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम हो चुका है और अपने उजड़े आशियाने में जब फिलीस्तीनियों की वापसी शुरू हो चुकी है, तो हमास ने इसे अपनी जीत करार दिया है। युद्धविराम समझौते के तहत सोमवार सुबह से हजारों गाजावासियों ने अपने घरों को लौटना शुरू कर दिया है और हमास ने इस वापसी को फिलीस्तीनियों की ‘एक जीत’ बताया है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा पट्टी से ही ऑपरेट होने वाले एक और आतंकवादी संगठन ‘इस्लामिक जिहाद’ ने कहा है, कि “यह उन सभी लोगों के लिए एक जवाब है, जो हमारे लोगों को विस्थापित करने का सपना देखते हैं।”
सोमवार सुबह को गाजा पट्टी से आई तस्वीरों में फिलीस्तीनी नागरिकों को अपने बोरिया-बिस्तर के साथ नेत्जारिम कॉरिडोर के रास्ते पैदल ही उत्तर की तरफ अपने घरों को लौटते देखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, एक बयान में हमास ने कहा है, कि जिन क्षेत्रों से फिलिस्तीनियों को जबरन विस्थापित किया गया था, वहां वापस लौटना उनकी अपनी जमीन से उनके जुड़ाव को दर्शाता है। हमास ने कहा है, कि “लोगों को विस्थापित करने और उनकी मजबूत इच्छाशक्ति को तोड़ने के मकसद में इजरायल नाकाम रहा है।”
फिलीस्तीनियों की ‘घर वापसी’ शुरू – हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजरायल पर हमला किया था और उसके बाद 8 अक्टूबर से इजरायली पलटवार शुरू हुआ था, जिसकी वजह से लाखों लोगों को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ा। इजरायली हमलों में उत्तरी गाजा पूरी तरह से तबाह हो चुका है। इससे पहले इजरायल ने लोगों को घरों में वापस लौटने से रोक दिया था, जिसके बाद बड़ी संख्या में गाजावासी सड़कों पर उतर आए और प्रदर्शन करने लगे। घर जाने की कोशिश कर रहे एक फिलीस्तीनी युवक को इजरायली सेना ने गोली भी मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई, वहीं कई लोग घायल भी हो गये।
दरअसल, ये पूरा विवाद एक इजरायली नागरिक अर्बेल येहुद की रिहाई से जुड़ी है। शनिवार को जब दूसरी बार कैदियों की अदला-बदली हुई, तो लगा, कि सबकुछ प्लान के मुताबिक ही हो रहा है। तय शर्तों के मुताबिक ही, हमास ने शनिवार को चार इजरायली महिला सैनिकों को रिहा किया और बदले में इजरायल ने 200 फिलीस्तीनी कैदियों को जेल से रिहा किया। लेकिन, उसके बाद इजरायल ने ऐलान कर दिया, कि वह गाजावासियों को उत्तरी गाजा पट्टी में तब तक प्रवेश नहीं करने देगा, जब तक कि उसके एक नागरिक अर्बेल येहुद की रिहाई के लिए व्यवस्था नहीं हो जाती।
हमास ने अर्बेल येहुद को क्यों रिहा नहीं किया? – मीडिया रिपोर्ट के मतुाबिक, शनिवार को हमास ने जिन लोगों को रिहा करने की लिस्ट बनाई थी, उसमें अर्बेल येहुद का नाम भी शामिल था, लेकिन फिर उसे रिहा नहीं किया गया और अभी तक साफ नहीं है, कि आखिर अर्बेल येहुद का नाम लिस्ट से क्यों हटा दिया गया। हालांकि, हमास ने दावा किया है, कि येहूद जिंदा है, और उसे अगले शनिवार को रिहा किया जाएगा। लेकिन, इजरायल ने कहा है, कि हमास ने सभी जीवित नागरिक महिला बंदियों से पहले, महिला बंधक सैनिकों को रिहा करके समझौते का उल्लंघन किया है।
बाद में इजरायल ने रविवार रात घोषणा की, कि गाजा में हमास के साथ युद्ध विराम और बंधक समझौते पर विवाद सुलझ गया है। हमास इस हफ्ते दो बैचों में छह बंधकों को रिहा करेगा। वहीं, यहूदी राष्ट्र ने सोमवार सुबह से नेत्जारिम कॉरिडोर के जरिए सैकड़ों हज़ारों विस्थापित गाजावासियों को अपने घर लौटने की इजाजत दे दी। इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, कि अर्बेल येहुद, सैनिक अगम बर्गर और एक अन्य बंधक को गुरुवार को रिहा किया जाएगा, जबकि तीन अन्य बंधकों को शनिवार को रिहा किया जाएगा।
Home / News / गाजा की बर्बादी के बाद भी हमास की नहीं टूटी अकड़, फिलीस्तीनियों की ‘घर वापसी’ को बताया जीत, बोला- इजरायल नाकाम
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