
इस्लामाबाद : पाकिस्तान की आेर से पाक-तुर्क स्कूलों के तुर्क कर्मचारियों को बाहर निकालने के फैसले के बाद कुछ कर्मचारियों ने तुर्की में मुकदमे की आशंका प्रकट करते हुए संयुक्त राष्ट्र से संरक्षण की मांग की है। पाक-तुर्क स्कूलों का संचालन फतहुल्ला गुलेन और पाकिस्तानी सरकार द्वारा किया जाता रहा है।
तुर्की में जुलाई, 2016 की विफल तख्तापलट के बाद के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने इस्लामाबाद से कहा था कि इन स्कूलों को बंद किया जाए या इनका नियंत्रण उनके द्वारा नामांकित लोगों को दे दिया जाए। पाकिस्तान ने स्कूलों का प्रबंधन तुर्की की सरकार के एक करीबी संगठन को सौंप दिया तथा स्कूल के तुर्क कर्मचारियों को वीजा देने से इंकार कर दिया। इस वजह से कर्मचारियों को पाकिस्तान छोडऩा पड़ा। समाचार पत्र ‘डॉन’ के अनुसार 108 तुर्क कर्मचारियों ने अपने परिवारों को तुर्की जाने की बजाय संयुक्त राष्ट्र से संरक्षण मांगा है।
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