OpenAI ने चीन के कई अकाउंट्स को ChatGPT सर्विस से बैन कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, इन अकाउंट्स का इस्तेमाल सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और पश्चिमी देशों में चीन विरोधी गतिविधियों की ट्रैकिंग के लिए किया जा रहा था। OpenAI को शक है कि चीन ChatGPT की जासूसी कर रहा है। हाल ही में चीन ने DeepSeek AI चैटबॉट बनाया था, जिस पर जासूसी के आरोप लगे थे।
OpenAI ओन्ड प्लेटफॉर्म ChatGPT ने चाइनीज अकाउंट को बैन कर दिया है। मतलब कुछ चाइनीज अकाउंट ChatGPT का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक OpenAI ने सोशल मीडिया मॉनिटरिंग में यूज होने की वजह से चीन के कई अकाउंट्स को अपने ChatGPT सर्विस से बैन कर दिया है। साधारण शब्दों में समझें, तो चाइनीज अकाउंट को संदिग्ध गतिविधियों की नजर से देखा जाता है।
चीन पर OpenAI की जासूसी का शक – रिपोर्ट से पता चलता है कि बैन किए गए अकाउंट्स एक सोशल मीडिया लिसनिंग टूल के लिए डिस्क्रिप्शन जेनरेट कर रहे थे। मतलब चैटजीपी पर चीन को लेकर क्या सर्च किया जा रहा है? उसकी ट्रैकिंग कर रहे थे। साथ ही पश्चिमी देशों में चीन विरोधी आंदोलन की रियल-टाइम रिपोर्ट्स चीनी सुरक्षा एजेंसियों को देता था। OpenAI ने पाया कि ऑपरेटर्स ने इन रिपोर्ट्स को चीनी दूतावासों और खुफिया एजेंटों को भेजे जाने के दावों को प्रूफरीड करने के लिए भी इसके मॉडल का यूज किया।
चाइनीज एआई चैटबॉट को लेकर जताई गई चिंता – बता दें कि हाल ही में चीन ने एक एआई चैटबॉट डीपसीक बनाया था, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि उसे चैटजीपीटी की जासूसी करके बनाया गया है। डीपसीक को चैटजीपीटी के मुकाबले में बेहद की कीमत और एक छोटी टीम ने मिलकर तैयार कर दिया था। चाइनीज एआई चैटबॉट डीपसीक को लेकर पहले भी चिंता जताई जा चुकी है। साथ ही कई देशों ने DeepSeek के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया था। साथ ही भारत ने सरकार दफ्तरों में डीपसीक को न इस्तेमाल करने की सलाह दी थी।
चीन पर गलत जानकारी फैलाने का आरोप – Microsoft सपोर्टेड OpenAI ने इन मामलों को हाइलाइट किया है, जिससे दिखाया जा सके कि कैसे अथॉरिटेरियन शासन अमेरिका में बने AI टूल्स का गलत इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं। अमेरिकी सरकार ने पहले भी गलत जानकारी फैलाने और डिसेंट का दमन करने के लिए चीन की ओर से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के यूज के बारे में चिंता जताई है।
नोट – बता दें कि मौजूदा दौर में पूरी दुनिया में जनरेटिव एआई की रेस लगी है। दर देश अपना खुद का और दूसरे से बेहतर एआई चैटजीबीटी टूल बनाने में लगा है। भारत में अपना एआई चैटबॉट की तैयारी चल रही है।