इजरायल की सेना ने हमास के हमले को रोकने में अपनी विफलता स्वीकार की है। सेना के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने कहा कि वह सेना की विफलताओं की जिम्मेदारी लेते हैं। हमले से पहले राजनीतिक निर्णय लेने की जांच को लेकर नेतन्याहू पर दवाब बन सकता है।
इजरायल की सेना ने माना है कि 7 अक्टूबर, 2023 को हुए हमास के हमले को रोकने में उसकी नाकाम रही। सेना की जांच में पाया गया कि हमास के इरादों को ठीक से ना समझ पाने और गुट की क्षमताओं को कम आंकने के कारण इजरायल पर इतना बड़ा हमला हुआ। इस जांच रिपोर्ट से इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए मुश्किल बढ़ सकती है। इजरायल में एक वर्ग का मानना है कि 7 अक्टूबर के लिए सिर्फ सेना जिम्मेदार नहीं हैं बल्कि नेतन्याहू की विफल रणनीति भी जिम्मेदार है। ये रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब गाजा में इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम लागू है।
एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हजारों हथियारबंद लड़ाकों ने इजरायल में हमला किया था। इस हमले में 1,200 लोग मारे गए और 251 लोगों को हमास के लड़ाके बंधक बनाकर गाजा ले गए। इसे इजरायल पर हुए सबसे घातक हमलों में गिना जाता है। इजरायली सेना ने माना है कि 7 अक्टूबर, 2023 को हुए हमले में उसकी कई कमियां थीं। उसने इस स्तर के हमले की तैयारी नहीं की थी।
हमास को गलत आंका गया – सैन्य योजनाकारों का मानना था कि हमास ज्यादा से ज्यादा आठ प्वाइंट से जमीनी आक्रमण कर सकता है। जांच में पाया गया कि हमास के पास 60 से अधिक हमले के रास्ते थे। हमले के बाद के खुफिया आंकलन से पता चला है कि हमास तीन पहले अवसरों पर भी आक्रमण करने के करीब आया था लेकिन अज्ञात कारणों से उसने अपनी योजना टाल दी थी।
इजरायल की आर्मी के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने कहा है कि वह सेना की विफलताओं की जिम्मेदारी लेते हैं। उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर को मैं सेना का कमांडर था और मेरी अपनी जिम्मेदारी बनती है। मैं विफलता से भाग नहीं सकता हूं। हलेवी ने जनवरी में अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। वह अगले सप्ताह पद छोड़ने वाले हैं। उनका बयान नेतन्याहू पर भी दबाव बना सकता है।
नेतन्याहू भी निशाने पर – इजरायलियों के एक वर्ग का मानना है कि 7 अक्टूबर को हुई गलतियां सिर्फ सेना की नहीं हैं बल्कि नेतन्याहू भी इसके जिम्मेदार हैं। उनका कहना है कि नेतन्याहू की हमास को नियंत्रित करने की रणनीति फेल रही। इसमें कतर को गाजा में पैसा भेजने की अनुमति देना भी शामिल था। इसके अलावा नेतन्याहू ने हमास के प्रतिद्वंद्वी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त फिलिस्तीनी प्राधिकरण को भी दरकिनार किया था। नेतन्याहू अभी तक इन सवालों से बचते रहे हैं। उनका कहना है कि वे युद्ध के बाद जवाब देंगे। बंधकों के परिवारों की मांग के बावजूद नेतन्याहू ने हमले की जांच के लिए आयोग के गठन का विरोध किया है।
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