
सीरियाई सिक्योरिटी फोर्स और पूर्व राष्ट्रपति असद के समर्थकों के बीच लताकिया और टारटस प्रांतों में लड़ाई चल रही है। लताकिया के दक्षिण में तटीय शहर जाबलेह में सबसे भीषण लड़ाई जारी है। अरब मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई और क्षेत्रों में भी हिंसक लड़ाई हो रही है। जिसमें शिया मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है।
सीरिया में पिछले तीन दिनों से नरसंहार चल रहा है। पिछले तीन दिनों से चल रहे संघर्ष में एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। देश पर कब्जा करने वाली नई सरकार और पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थकों के बीच चल रहा ये संघर्ष भयानक हो चुका है। सीरिया में चल रहे गृहयुद्ध पर निगरानी रखने वाली संस्थाओं ने कहा है कि सीरियाई सुरक्षा बल और राष्ट्रपति असद के वफादारों के बीच पिछले तीन दिनों से चल रही लड़ाई में अभी तक एक हजार से ज्यादा लोग मारे गये हैं। सीरिया में 14 साल पहले शुरू हुए संघर्ष के सबसे घातक दिनों में शनिवार का दिन भी शामिल हो गया है।
ब्रिटिश सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा है कि इस संघर्ष में 745 आम नागरिक मारे गये हैं। जिनमें से ज्यादातर लोगों को काफी करीब से गोली मारी गई है। इसके अलावा 125 सरकारी सुरक्षा बल के सदस्य हैं। वहीं पूर्व राष्ट्रपति असद से जुड़े सशस्त्र समूहों के 148 लोग मारे गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि लताकिया शहर के आसपास के बड़े इलाकों में बिजली और पीने का पानी काट दिया गया है। सीरिया में दिसंबर 2024 में ही सत्ता परिवर्तन हुआ था। जब अबु मोहम्मद अल जुलानी के नेतृत्व वाले संगठन HTS ने राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया था और बशर अल-असद को देश से भागना पड़ा था।
सीरिया में आम नागरिकों का कत्लेआम – अबु मोहम्मद अल जुलानी ने अब खुद को देश का नया राष्ट्रपति घोषित कर लिया है। लेकिन करीब 2 महीने से ज्यादा वक्त तक शांति रहने के बाद एक बार फिर से संगर्ष छिड़ गया है। सीरिया की नई सरकार ने कहा है कि वो असद की सरकार के समर्थकों के हमलों का जवाब दे रही है। सरकार ने भीषण हिंसा के लिए ‘व्यक्तिगत कार्रवाइयों’ को जिम्मेदार ठहराया। देश में मौजूदा संघर्ष पूर्व राष्ट्रपति असद के गढ़ में छिड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक सुन्नी मुस्लिम बंदूकधारी लगातार असद के क्षेत्र में अलावी अल्पसंख्यकों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। अलावी अल्पसंख्यक, शिया मुसलमानों की एक शाखा है। बशर अल-असद भी अलावी समुदाय से ही आते हैं।
मौजूदा संघर्ष की जड़ में भी शिया बनाम सुन्नी संघर्ष ही है। अलावी समुदाय के लोगों ने दशकों से बशर अल-असद के शासन का समर्थन किया है। लेकिन अब असद की सरकार गिर चुकी है। एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अलावी समुदाय बाहुल्य गांवों और कस्बों में लोगों के कत्लेआम किए गये हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बंदूकधारियों ने पुरूषों की चुन-चुनकर हत्याएं की हैं। लोगों को घरों से बाहर निकालकर गोली मारी जा रही है। सड़कों पर चलने वाले लोगों को गोली मारी गई है। सीरिया के तटीय क्षेत्र के दो निवासियों ने अपने ठिकानों से समाचार एजेंसी एपी को बताया है कि अलावी लोगों के घरों को लूटा जा रहा है और अलग अलग इलाकों में उनके घरों में आग लगाए गये हैं। स्थानीय निवासियों ने कहा है कि लोग अपने घरों से भाग कर पहाड़ी इलाकों की तरफ जा रहे हैं।
अलावी समुदाय के लोगों का नरसंहार – रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र बनियास है। वहां के निवासियों ने समाचार एजेंसी AP को बताया है कि सड़कों पर शव बिखड़े पड़े हैं। घरों और इमारतों पर लोगों के शव लावारिश पड़े हैं। शवों को दफनाने वाला कोई नहीं है। एक चश्मदीद ने समाचार एजेंसी से कहा है कि बंदूकधारी लोगों को शवों को दफनाने से रोक रहे हैं। चश्मदीद के मुताबिक शुक्रवार को पांच पड़ोसियों के शव को दफनाने से बंदूकधारियों ने कई घंटे तक लोगों को रोककर रखा। चश्मदीद ने कहा कि उसके पड़ोस में कम से कम 20 लोग मारे गये हैं और वो सभी अलावी समुदाय से ताल्लुक रखते थे। बंदूकधारियों का कहना है कि असद प्रशासन के समय जो अत्याचार हुआ, उसकी कीमत अलावी समुदाय के लोगों से बदला लेकर वसूला जा रहा है। समाचार एजेंसी एपी ने स्थानीय लोगों के हवाले से कहा है कि बंदूकधारी सड़कों से लोगों के घरों पर अंधाधुंध फायरिंग करते देखे गये हैं।
एपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है की कई जगहों पर लोगों की हत्या करने से पहले उनके मजहब के बारे में पूछा गया है। उनके आईडी कार्ड की जांच की गई है और उनकी पहचान करने के बाद गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई है। अलावी समुदाय के लोगों के घरों की पहचान कर उन्हें जला दिया जा रहा है। ऑब्जर्वेटरी के प्रमुख रामी अब्दुर्रहमान ने कहा है कि शनिवार की सुबह बदला लेने के लिए हत्याएं बंद हो गईं। अब्दुर्रहमान ने अलावी नागरिकों की हत्याओं के बारे में कहा है कि “यह सीरियाई संघर्ष के दौरान सबसे बड़े नरसंहारों में से एक है।” इससे पहले नरसंहार का पिछला आंकड़ा 600 का था। आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि सीरियाई सेना वापस इलाकों में नियंत्रण हासिल कर रही है।
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