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अमेरिका ने छेड़ा टैरिफ वार तो चीन ने दबा दी ट्रंप की सबसे कमजोर नस, फंस जाएगा 6th जेनरेशन फाइटर जेट F-47 प्रोजेक्ट?


चीन ने सात दुर्लभ खनिज तत्वों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर गंभीर असर पड़ा है। चीन ने ये प्रतिबंध खासकर अमेरिका को ध्यान में रखते हुए लगाया है। इससे अमेरिकी डिफेंस इंडस्ट्री को गहरा धक्का लगेगा। हालांकि अमेरिका ने वैकल्पिक स्रोतों की खोज शुरू की, जिसमें ग्रीनलैंड और यूक्रेन शामिल हैं, लेकिन ये प्रोसेस इतना आसान नहीं होता है।​
अमेरिका और चीन के बीच चल रहा व्यापार युद्ध लगातार खतरनाक होता जा रहा है। ना डोनाल्ड ट्रंप और ना ही शी जिनपिंग, कोई भी झुकने को तैयार नहीं है। हालात साफ हैं कि जो झुकेगा, वो नंबर 2 हो जाएगा। लेकिन इस तनाव के बीच दुर्लभ खनिजों की भूमिका सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हो चुकी है। दुर्लभ खनिज संपदा सबसे ज्यादा चीन में है, लिहाजा चीन इसे बेचना बंद करके अमेरिकी डिफेंस इंडस्ट्री को ही पंगु बना सकता है। ये खनिज आधुनिक टेक्नोलॉजी, डिफेंस सिस्टम्स और हरित ऊर्जा कार्यक्रमों के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। टैरिफ युद्ध शुरू होने के बाद चीन ने इन खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी है, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं और भू-राजनीतिक संतुलन पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
चीनी प्रतिबंधों का सबसे ज्यादा असर अमेरिकी नेक्स्ट जेनरेशन लड़ाकू विमानों के निर्माण पर होने वाली है। डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की है कि अमेरिका अब छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान, जिसका नाम F-47 रखा गया है, उसका निर्माण शुरू करेगा। इस प्रोजेक्ट का नाम नेक्स्ट जेनरेशन एयर डोमिनेंस (NGAD) है, लेकिन ये कार्यक्रम बहुत हद तक चीनी दुर्लभ धातुओं पर निर्भर करता है। NGAD प्रोजेक्ट के लिए मध्यम और भारी दुर्लभ खनिजों की सात श्रेणियां का होना जरूरी है, जिनमें सैमरियम, गैडोलीनियम, टेरबियम, डिस्प्रोसियम, ल्यूटेटियम, स्कैंडियम और यिट्रियम शामिल हैं। इनके बिना फाइटर जेट्स के कई क्रिटिकल कंपोनेंट्स नहीं बन सकते हैं।
अमेरिकी छठी पीढ़ी फाइटर जेट प्रोग्राम को झटका – कोलोराडो स्कूल ऑफ माइंस में प्रैक्टिस के प्रोफेसर टॉम ब्रैडी ने न्यूजवीक की एक रिपोर्ट में कहा है कि “ये निश्चित रूप से चीन के तरकश में तीर हैं कि वह इन लगातार बढ़ते टैरिफ का कैसे जवाब दे सकता है।” उन्होंने न्यूजवीक को बताया कि “डिस्प्रोसियम हाई टेंपरेचर वाले मैग्नेट में उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है।” उन्होंने कहा कि “जेट इंजन और इस तरह की चीजों को उच्च तापमान वाले मैग्नेट की जरूरत होती है जो उस चुंबकीय क्वालिटी को बहुत हाई टेंपरेचर पर बनाए रखते हैं।” इसके अलावा यिट्रियम हाई टेंपरेचर वाले जेट इंजन कोटिंग्स, हाई फ्रीक्वेंसी वाले रडार सिस्टम और सटीक लेजर के लिए जरूरी है। यह विमान के इंजन को उड़ान के बीच में पिघलने से रोकने के लिए टर्बाइन ब्लेड पर थर्मल बैरियर कोटिंग की भी अनुमति देता है।