
अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु कार्यक्रम पर हाल ही में वार्ता हुई है। ओमान में यह बातचीत हुई और दोनों पक्ष एक ओर बैठक करने पर सहमत हुए हैं। इस बीच अमेरिका ने कहा है कि ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए कूटनीति का इस्तेमाल होगा।
ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रम पर वार्ता के बीच अमेरिका ने फिर कड़े तेवर दिखाए हैं। रविवार को अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने बातचीत विफल रहने की सूरत में सैन्य हमले का संकेत दिया है। हेगसेथ ने कहा कहा कि हम ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकना चाहते हैं और इसके लिए कूटनीति का इस्तेमाल प्राथमिकता है। बातचीत अगर विफल रही तो फिर सेना ‘बड़े पैमाने पर’ कार्रवाई करने के लिए तैयार है। पीट से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कह चुके हैं कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर ओमान में बातचीत विफल रही तो इजराइल के साथ मिलकर तेहरान पर सैन्य हमला संभव है।
वायनेट की रिपोर्ट के मुताबिक, हेगसेथ ने ओमान में ईरान के साथ हुई शुरुआती बातचीत को सकारात्मक और अच्छा कदम बताया है। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कभी नहीं चाहेंगे कि सैन्य विकल्प का इस्तेमाल करना पड़े लेकिन हम बड़े पैमाने पर जाने की क्षमता रखते हैं। मैं कहूंगा कि हम सैन्य कार्रवाई करना नहीं चाहते हैं लेकिन ईरान के हाथों में परमाणु बम जाने से रोकने को जरूरी हुआ तो ये भी किया जा सकता है।’
डोनाल्ड ट्रंप भी आक्रामक – डोनाल्ड ट्रंप ने हालिया दिनों में कई बार कहा है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को किसी भी सूरत में रोका जाएगा। उन्होंने इजराइल के साथ मिलकर ईरान पर सैन्य कार्रवाई को ‘संभव’ कहा है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर हम ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को रोकने के लिए सैन्य कार्रवाई करेंगे। इजराइल निश्चित रूप से इसमें शामिल होगा और इसका नेतृत्व करेगा।
Home / News / ईरान से बातचीत से मुद्दा ना सुलझा तो फिर अमेरिकी सेना तैयार… परमाणु वार्ता के बीच ट्रंप प्रशासन की शिया देश को खुली धमकी
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