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सीरिया से अमेरिका का बोरिया-बिस्तर बंधा, अब नाम भर के सैनिक ही बचे, क्या तुर्की ने दिया धोखा?


अमेरिका ने तुर्की के बढ़ते हस्तक्षेप के बीच सीरिया में अपनी सैन्य उपस्थिति कम करने का फैसला किया है। पेंटागन ने बताया है कि अमेरिका जल्द ही अपने आधे सैनिकों को सीरिया से हटा देगा। इसके बाद सीरिया में अमेरिकी सैनिकों की संख्या 1000 से कम रह जाएगी। इसे मध्य पूर्व में अमेरिका के लिए झटका माना जा रहा है।
अमेरिकी सेना आने वाले हफ्तों और महीनों में सीरिया में अपनी उपस्थिति को कम करेगी। इससे सीरिया में मौजूद अमेरिकी सैनिकों की संख्या आधी हो सकती है। यह जानकारी पेंटागन के मुख्य प्रवक्ता सीन पार्नेल ने शुक्रवार को दी। अमेरिकी सेना के पास सीरिया में कई ठिकानों पर लगभग 2,000 अमेरिकी सैनिक हैं, जिनमें से ज़्यादातर पूर्वोत्तर में तैनात हैं। ये सैनिक इस्लामिक स्टेट के फिर से उभरने को रोकने के लिए स्थानीय बलों के साथ काम कर रहे हैं। इस्लामिक स्टेट ने 2014 में इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया था, लेकिन बाद में उसे पीछे धकेल दिया गया था।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने क्या कहा – पार्नेल ने एक बयान में कहा, “यह जानबूझकर और शर्तों पर आधारित प्रक्रिया आने वाले महीनों में सीरिया में अमेरिकी सैनिकों की संख्या को घटाकर एक हज़ार से भी कम कर देगी।” रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने सीरिया में चुनिंदा स्थानों पर एक संयुक्त संयुक्त कार्य बल – ऑपरेशन इनहेरेंट रिज़ॉल्व – के तहत एकीकरण का निर्देश दिया। पार्नेल ने कहा कि अमेरिकी सेंट्रल कमांड सीरिया में ISIS के बचे हुए लोगों के खिलाफ हमले जारी रखने के लिए तैयार रहेगा और ISIS पर दबाव बनाए रखने तथा किसी भी अन्य आतंकवादी खतरे का जवाब देने के लिए गठबंधन सहयोगियों के साथ काम करेगा।
अमेरिका ने मध्य पूर्व में तैनाती बढ़ाई – संयुक्त राज्य अमेरिका ने हाल ही में मध्य पूर्व को मजबूत करने के लिए B-2 बमवर्षक, युद्धपोत और वायु रक्षा प्रणाली सहित विमान भेजे हैं। ट्रंप ने सोमवार को कहा कि उनका मानना है कि ईरान जानबूझकर संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ परमाणु समझौते में देरी कर रहा है और उसे परमाणु हथियार बनाने के किसी भी प्रयास को छोड़ देना चाहिए या तेहरान की परमाणु सुविधाओं पर संभावित सैन्य हमले का सामना करना चाहिए।
सीरिया में तुर्की ने अमेरिका को दिया धोखा? – दिसंबर में बशर असद को सत्ता से बेदखल करने के बाद सीरिया में इस्लामवादी नेतृत्व वाली सरकार है। इस सरकार को तुर्की का समर्थन प्राप्त है। वहीं, अमेरिका सीरिया में सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज का समर्थन कर रहा है, जिसे तुर्की दुश्मन मानता है। ऐसे में तुर्की ने इस्लामवादी सरकार पर दबाव डालकर अमेरिका समर्थित एसडीएफ के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को तेज किया है। इससे सीरिया में अमेरिका को तगड़ा झटका लगा है।