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भारत विरोध में चीन का नया खेल… तालिबान-पाकिस्तान में कराया समझौता, अफगानिस्तान में दिखा ‘रिजल्ट’


इस्लामाबाद और काबुल के बीच संबंध सुधर रहे हैं। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान पर हमले करने वाले गुटों पर कार्रवाई की है। दोनों देशों में व्यापार भी बढ़ा है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच रिश्ते सुधर रहे हैं। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान में कथित तौर पर हमले करने वाले गुटों पर कार्रवाई की है। ये पहली बार है, जब तालिबान ने पाकिस्तान के खिलाफ लड़ रहे गुटों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। दरअसल, पाकिस्तान ने तालिबान पर आरोप लगाया था कि अफगानिस्तान में ऐसे गुटों को पनाह मिल रही है, जो उसकी जमीन पर हमलों को अंजाम देते हैं। तालिबान अभी तक पाकिस्तान के आरोपों को खारिज कर रहा था लेकिन अब उसने ऐसे संगठनों पर कार्रवाई की है। इससे साफ है कि दोनों देशों की सरकारों में संबध सुधारने के लिए ठोस समझौता हो गया है।
पाकिस्तान की न्यूज वेबसाइट एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया है कि काबुल का रुख इस्लामाबाद के लिए बदला हुआ दिख रहा है। दोनों देश अब संबंधों की बेहतरी की तरफ बढ़ रहे हैं। ये बदलाव इसलिए खास है क्योंकि पाकिस्तान से तनातनी के बीच अफगान तालिबान की भारत से नजदीकी बढ़ी थी। तालिबान ने पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर भी भारत के पक्ष में बयान दिया था। ऐसे में ना सिर्फ पाकिस्तान बल्कि चीन की भी चिंता बढ़ गई थी।
चीन ने कराई दोस्ती! – अफगानिस्तान से संबंधों में सुधार की कोशिश पाकिस्तान की ओर से मार्च में शुरू हुई थी, जब पाकिस्तान के विशेष दूत मोहम्मद सादिक खान काबुल पहुंचे थे। इसके बाद अप्रैल में पाक के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार ने काबुल का दौरा किया। हालांकि इसमें सबसे अहम रोल चीन का माना जा रहा है। हाल ही में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर मुत्तकी और पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने चीन का दौरा किया है। दोनों नेता एक ही समय पर बीजिंग में थे।
चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की चीनी विदेश मंत्री ने बीजिंग में बैठक कराई। इस बैठक के बाद दोनों पक्षों ने आपसी मुद्दों को सुलझाने और संबंधों में बेहतर के लिए कोशिश करने की बात कही। इसके बाद अब अफगानिस्तान के पाकिस्तान की बात मानते हुए कुछ गुटों-खासतौर से टीटीपी पर कार्रवाई की बात सामने आई है। इससे लगता है चीन के दबाव ने काम किया है और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार अब पाकिस्तान के साथ आती दिख रही है। चीन ने अफगानिस्तान में भारत का दखल रोकने के लिए किया है।