भारत के विदेश मंत्रालय ने आरआईसी (रूस-भारत-चीन) त्रिपक्षीय वार्ता फिर से शुरू करने की बात कही है। हालांकि इससे भारत और अमेरिका के रिश्ते में तनाव आ सकता है।
रूस, भारत और चीन की तिकड़ी यानी आरआईसी त्रिपक्षीय फोरम फिर से सक्रिय हो सकता है। रूस के तीन दशक पुराने इस तंत्र को फिर से शुरू करने के आह्वान पर भारत ने सकारात्मक संकेत दिए हैं। भारत के विदेश मंत्रालय का कहना है कि आपसी सहमति से इस पर फैसला लिया जा सकता है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पिछले महीने आरआईसी वार्ता फिर से शुरू करने की ख्वाहिश का इजहार किया था। इसके बाद चीन ने अपनी ओर से इसे फिर से शुरू करने पर अपनी सहमति दी है।
आरआईसी पर रूस की अपील और चीन के समर्थन के बाद भारत ने खुलेपन का संकेत दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि यह तीनों देशों को साझा चिंता के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक साथ लाता है। उन्होंने बैठक के लिए किसी विशिष्ट समय-सीमा की पुष्टि किए बिना कहा कि तीनों देशों के बीच पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तरीके से कार्यक्रम तय किया जाएगा।
क्या सक्रिय हो पाएगा RIC – रूसी उप विदेश मंत्री आंद्रेई रुडेंको ने गुरुवार को कहा कि उनका देश त्रिपक्षीय प्रारूप को फिर से शुरू करने के लिए नई दिल्ली और बीजिंग दोनों के साथ सक्रिय वार्ता कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम इस प्रारूप में रुचि रखते हैं। चीन ने भी रूस के प्रस्ताव का समर्थन किया है। चीनी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि यह तीनों देशों के हितों की पूर्ति करने के साथ दुनिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने में भी मदद करता है।
भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए चीन का दौरा किया है। उनकी चीनी विदेश मंत्री वांग यी और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से द्विपक्षीय वार्ता हुई है। ऐसे में माना जा रहा है कि तीनों देश आरआईसी पर आगे बढ़ सकते हैं। ऐसा होता है तो डोनाल्ड ट्रंप के सामने बड़ी चुनौती होगी। इसकी वजह ये है कि रूस, चीन और भारत दुनिया की सबसे बड़ी पांच सैन्य और आर्थिक शक्तियों में शुमार हैं।
Home / News / रूस और चीन के साथ बनेगी भारत की तिकड़ी! RIC पर दिल्ली ने दिया बड़ा संकेत, ट्रंप की उड़ जाएगी नींद