पाकिस्तान ने 1962 के युद्ध में भारत की हार के कुछ ही महीनों बाद, मार्च 1963 में यह क्षेत्र चीन को सौंप दिया था। हालांकि भारत की विदेश नीति में साफ शब्दों में कहा गया है कि शक्सगाम घाटी भारत का अभिन्न अंग है। और पाकिस्कान ने अवैध तरीके से ये क्षेत्र चीन को सौंपा है।
चीन ने शक्सगाम घाटी में सड़क नेटवर्क का विस्तार कर लिया है। सैटेलाइट तस्वीरों से इसका खुलासा हुआ है। यह भारतीय क्षेत्र 1947 से पाकिस्तान के अवैध कब्जे में था और 1963 में एक सीमा समझौते के तहत पाकिस्तान ने इसे अवैध रूप से चीन को सौंप दिया गया था। भारत इस क्षेत्र को अपना हिस्सा मानता है और कभी भी इसपर चीन के क्षेत्र होने को मान्यता नहीं दी। शक्सगाम घाटी लद्दाख के सबसे उत्तरी भाग में, सियाचिन ग्लेशियर के ठीक आगे स्थित है, जिसे भारत ने 1984 में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान अपने नियंत्रण में ले लिया था।
चीन के इस नये सड़के के बारे में खुलासा ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस विश्लेषक नेचर देसाई ने सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए की है। देसाई ने ही सबसे पहले 2024 में सड़क के मूल निर्माण की सूचना दी थी। आपको बता दें कि यह रोड चीन के G219 हाईवे (अक्साई चिन रोड) से अलग होकर अघिल पास के जरिए शक्सगाम घाटी में प्रवेश करता है। यह लद्दाख और शिनजियांग के बीच ऐतिहासिक सीमा थी।
Home / News / भारत की जमीन पर चीन की घुसपैठ जारी, अब शक्सगाम घाटी में किया सड़क निर्माण, सैटेलाइट तस्वीरों से बड़ा खुलासा