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नेपाल को इस्‍लामिक राष्‍ट्र बनाना चाहता है पाकिस्‍तान का दोस्‍त तुर्की? कुरान पढ़ाने के लिए भेजा करोड़ों रुपये, निशाने पर गरीब बच्चे

राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोगन के शासनकाल में तुर्की में ऐसे दर्जनों संस्थाएं बनाई गई हैं, जो भारत, नेपाल, श्रीलंका समेत गैर इस्लामिक देशों में इस्लामिक शिक्षा बढ़ाने के लिए पैसों का इस्तेमाल कर रही हैं। तुर्की करोड़ों का फंड जारी कर रहा है। नेपाल में हुआ ये खुलासा भी तुर्की की उसी कोशिश का हिस्सा है।
नेपाल के करीब दर्जन भर शहरों में विदेशों से मिलने वाले फंड को लेकर छापेमारी की जा रही है। जांच में सामने आया है कि कुछ विदेशी देश, नेपाल में डेमोग्राफी को बदलने के लिए गरीब और अनाथ हिंदू बच्चों को बर्गला रहे हैं। नेपाली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिना वैध वर्क परमिट के किशोरों को कुरान पढ़ाने वाले विदेशी नागरिकों का पता चलने के बाद कई शहरों में छापे मारे गये हैं। उनके नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है। नेपाली अधिकारियों ने ललितपुर के हॉस्टलों पर छापेमारी की, जो हिमालय एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी से जुड़े हुए थे। ये एक एनजीओ है, जो गरीब और अनाथ बच्चों को पढ़ाने का काम करता है।
अभी तक जांच से खुलासा हुआ है कि इन संस्थानों में बच्चों को, जो मुख्य रूप से अनाथ या गरीब परिवारों से थे और कपिलवस्तु, सिराहली, रौतहट, बांके और दाङ जैसे जिलों से आए थे, उनके धर्म परिवर्तन के लिए उन्हें इस्लामिक शिक्षा दी जा रही थी। रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल की सरकारी किताबों को नहीं पढ़ाकर बच्चों को इस्लामिक किताबें पढ़ाई जाती थी। आपको बता दें कि नेपाल की सरकारी किताबों में धार्मिक शिक्षा किताबी पढ़ाई का हिस्सा नहीं है। यानि एनजीओ के जरिए मजहबी शिक्षा देने की कोशिश हो रही थी।