अमूमन उम्र, लिंग, जातीयता, परिवार का इतिहास, रेडिएशन या केमिकल्स के संपर्क में आना, कुछ बीमारियां और उनके इलाज जैसे कारक ब्लड कैंसर होने की वजह बन सकते हैं। आज यानी 04 सितंबर को जानिए कि कौन से कारक और खराब आदतें ब्लड कैंसर का रिस्क बढ़ा सकती हैं-
कैंसर एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है जिसके कई प्रकार हैं। कैंसर का एक प्रकार खून का कैंसर यानी ब्लड कैंसर भी है जिसे ल्यूकेमिया (Leukemia) भी कहा जाता है। यह अस्थि मज्जा (Bone Marrow) से शुरू होता है, जहां ब्लड सेल्स बनते हैं। जब सेल्स अनकंट्रोल तरीके से बढ़ने लगती हैं, तो वे नॉर्मल ब्लड सेल्स के कामकाज में रुकावट डालती हैं। इसी वजह से शरीर में नई हेल्दी ब्लड सेल्स नहीं बन पाती और इन्फेक्शन से लड़ने की ताकत भी कम हो जाती है।
ब्लड कैंसर के क्या कारण हैं? कैंसर सेंटर (ref.) के अनुसार, सभी तरह के ब्लड कैंसर डीएनए में गड़बड़ी या म्यूटेशन की वजह से होते हैं। यह बदलाव क्यों होते हैं, इसका सही कारण पता नहीं है। ऐसा कहा जा सकता है कि इंसान का इस पर कोई कंट्रोल नहीं होता। ध्यान रहे कि ब्लड कैंसर के कई प्रकार हैं और हर प्रकार के ब्लड कैंसर के लिए ये रिस्क फैक्टर अलग-अलग हो सकते हैं।
हालांकि ऐसे कई जोखिम कारक हैं और रिसर्च में कुछ ऐसे रिस्क फैक्टर पाए गए हैं जो ब्लड कैंसर होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं। 4 सितंबर को वर्ल्ड ल्यूकेमिया डे मनाया जाता है और इस अवसर पर हम आपको कुछ ऐसे कारकों और आदतों के बारे में बता रहे हैं जो ब्लड कैंसर का जोखिम बढ़ाते हैं। अगर आपको इस जानलेवा कैंसर से बचना है, तो आपको इनके बारे में पता होना चाहिए।
ज्यादा तंबाकू का सेवन – बहुत ज्यादा स्मोकिंग करने से शरीर के डीएनए को नुकसान पहुंचता है और इम्यून सिस्टम को कमजोर होने लगता है। ऐसा होने से शरीर में बीमारियों से लड़ने की ताकत कम हो जाती है। यही वजह है कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव करना मुश्किल हो जाता है। इस बात को गांठ बांध लें कि लंबे समय तक स्मोकिंग करने से ब्लड कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ सकता है।
ब्लड सेल्स को बर्बाद कर सकती है शराब – बहुत अधिक मात्रा में शराब पीना हड्डियों के अंदर मौजूद अस्थि मज्जा को बर्बाद कर देती है। यही वह जगह है जहां ब्लड सेल्स बनती हैं। जब शराब का अधिक सेवन होता है, तो यह नई ब्लड सेल्स के बनने की प्रक्रिया धीमी या खत्म हो जाती है और धीरे-धीरे ब्लड कैंसर का रिस्क बढ़ने लगता है।
केमिकल्स के संपर्क में आना – कुछ खतरनाक रसायन जैसे बेंजीन लंबे समय तक शरीर के संपर्क में आने पर ब्लड कैंसर का कारण बन सकते हैं। बेंजीन सिगरेट के धुएं, पेट्रोल और कुछ प्लास्टिक उत्पादों में पाया जाता है। इनसे लगातार संपर्क रहने पर डीएनए को नुकसान पहुंचता है और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
रेडिएशन – अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक अधिक रेडिएशन के संपर्क में आता है, तो यह उसकी कोशिकाओं के डीएनए को बदल सकता है। डीएनए को हुआ यह नुकसान धीरे-धीरे ब्लड कैंसर का रूप ले सकता है। यह रिस्क नॉर्मल लाइफ में कम होता है, लेकिन बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें हाई रेडिएशन लेवल में काम करना पड़ रहा है और उन्हें इसका अधिक खतरा है।
मोटापा – मोटापा सिर्फ एक तरह के नहीं बल्कि कई कैंसर की जड़ है। शोध बताते हैं कि स्वस्थ वजन बनाए रखने से खासकर ल्यूकेमिया जैसे कुछ ब्लड कैंसर से बचाव किया जा सकता है। इसलिए बैलेंस्ड डाइट और एक्सरसाइज करके वजन को कंट्रोल रखना बहुत जरूरी है।
उम्र और पारिवारिक इतिहास – जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है तो डीएनए में म्यूटेशन या गड़बड़ी होने की संभावना बढ़ जाती है। इसी वजह से ब्लड कैंसर बुज़ुर्गों में ज्यादा पाया जाता है। इसके अलावा कुछ रिसर्च में पाया गया है कि अगर परिवार में किसी को ब्लड कैंसर हुआ है तो दूसरों में थोड़ा जोखिम बढ़ सकता है। लेकिन यह क्लियर नहीं है कि यह जीन से होता है या फिर किसी और कारण से।
ब्लड कैंसर का जोखिम करने के लिए क्या करें – बेशक अन्य कैंसर की तरह ब्लड कैंसर पर लाइफस्टाइल फैक्टर जैसे डाइट या एक्सरसाइज का कोई खास असर नहीं होता लेकिन फिर भी आप हेल्दी डाइट, रोजाना एक्सरसाइज करना, फिजिकली एक्टिव रहना, रेडिएशन से बचना, केमिकल्स के एक्सपोजर से बचना, शराब-स्मोकिंग से बचना आदि आदतों में सुधार करके कई तरह के कैंसर और अन्य जानलेवा बीमारियों का जोखिम काफी हद तक कम कर सकते हैं।
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