
रक्षा सौदे सिर्फ सामान्य कारोबारी रिश्ते नहीं होते हैं, बल्कि ये जियो-पॉलिटिक्स को निर्धारित करते हैं, जिसका आधार गहरा विश्वास होता है। इसीलिए सवाल ये उठ रहे हैं कि डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ और अपमानजनक शब्दों को दिल्ली कैसे देख रही है? क्या इसे भारत ने डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिका के बीच अलग अलग करके देखा है?
डोनाल्ड ट्रंप ने जब पिछले महीने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ थोप दिया तो ऐसी खबरें आने लगीं की दिल्ली ने कई डिफेंस समझौतों पर ब्रेक लगा दिया है। जिनमें P-8I सर्विलांस एयरक्राफ्ट भी शामिल था, जिसे भारत बोइंग से खरीद रहा है। इसके लिए भारत और अमेरिका के बीच 3.6 अरब डॉलर का समझौता हुआ था। लेकिन दिल्ली ने तुरंत उन अफवाहों को खारिज कर दिया और ऐसी रिपोर्ट्स को मनगढंत बताया। भारत ने साफ किया है कि अमेरिका के साथ जो डिफेंस समझौते हुए हैं, उनपर कोई असर नहीं पड़ा है। भारत ने भले ही किसी भी डिफेंस सौदों पर असर नहीं पड़ने की बात कहा है, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप और उनका प्रशासन जिस तरह से भारत के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर रहा है, उससे भविष्य में इस डील पर असर पड़ने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।
ऐसी इसलिए क्योंकि डिफेंस सौदे सिर्फ सामान्य कारोबारी रिश्ते नहीं होते हैं, बल्कि ये जियो-पॉलिटिक्स को निर्धारित करते हैं, जिसका आधार गहरा विश्वास होता है। इसीलिए सवाल ये उठ रहे हैं कि डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ और अपमानजनक शब्दों को दिल्ली कैसे देख रही है? क्या भारत ने इसे सिर्फ ट्रंप का फैसला माना है या फिर भारत ने इसे अमेरिका का फैसला माना है, ये काफी हद तक निर्धारित करेगा कि करीब 40 अरब डॉलर के डिफेंस सौदों पर इस तनाव का क्या असर पड़ने वाला है।
अरबों डॉलर का रक्षा सौदा- भारत और अमेरिका के बीच करीब 40 अरब डॉलर की डिफेंस डील अब दांव पर है। इनमें सबसे बड़ा समझौता है 31 MQ-9B Sky/Sea Guardian ड्रोन का, जिसकी कीमत करीब 4 अरब डॉलर है। 2029 से इनकी डिलीवरी शुरू होने की उम्मीद है और 2030 तक सभी मिल जाएंगे। ये ड्रोन सिर्फ सर्विलांस के लिए नहीं हैं, बल्कि ये अपने साथ हेलफायर मिसाइल और लेजर गाइडेड बमों से हमला भी कर सकते हैं।
Home / News / डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ युद्ध छेड़ भारत संग की दगाबाजी… क्या अमेरिका से 40 अरब डॉलर के रक्षा सौदे रद्द करना चाहिए?
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