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अब जाने भी दो यारों… सतीश शाह को हार्ट डिसीज के बाद किडनी ट्रांसप्लांट नहीं किया सूट, राकेश बेदी का खुलासा


बॉलीवुड एक्टर सतीश शाह का निधन हो गया है। उनका जाना हर किसी के लिए शॉकिंग है। किडनी फेल होने के कारण 25 अक्टूबर की दोपहर उन्होंने अंतिम सासं ली।
हास्य का हुनर रखने वाला अभिनेता सतीश शाह 74 साल (25 जून 1951 -25 अक्टूबर 1925) की उम्र में हमें छोड़कर जा चुका है, मगर एक समय अपनी मासूम कॉमिडी से हमारे बचपन को मेमोरीज देने वाले सतीश शाह ने सिर्फ हंसी नहीं बांटी, बल्कि अपने हर किरदार में अपनापन और जीवन का जादू बिखेरा। उनका जाना भले उनके फैंस और इंडस्ट्री के लिए कभी न भरने वाला खालीपन छोड़ गया हो, मगर जाते-जाते वे ये जरूर सिखा कर गए कि जीवन एक उत्सव है और हंसी-खुशी इसका जश्न मनाओ।
दर्द को मुस्कान में बदल देने का हुनर रखते थे – ‘अभी एक हफ्ता पहले ही तो सतीश से बात हुई थी’ रुंधे गले से कहती हैं ‘ये जो है ज़िंदगी’ में उनकी ऑन-स्क्रीन पत्नी रेनू वर्मा, उर्फ स्वरूप संपत। ‘हमेशा की तरह हंस-हंस कर चिढ़ाते हुए बोले, ‘अरे तुम तो बड़ी फिट लग रही हो, तुम्हारी डीपी तो चमचमा रही है!’ भाई, मैं भी मस्त हूं, एकदम हेल एंड हार्टी।’ स्वरूप कहती हैं, ‘मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा कि वो हमें छोड़ कर जा चुके हैं…’सच कहें तो ऐसा लगता है जैसे कोई प्यारा दोस्त मज़ाक-मज़ाक में अलविदा कह गया हो, और हमें यकीन करने का मौका ही न मिला हो।’ आज सिर्फ स्वरूप ही नहीं, बल्कि पूरे मनोरंजन जगत की आंखें नम हैं। एक ऐसे अभिनेता की याद में जिसने अपने चाहने वालों के चेहरे पर कभी उदासी नहीं आने दी। दिल के गंभीर मर्ज, किडनी ट्रांसप्लांट की जटिलताओं और पत्नी मधु की डिमेंशिया जैसी कठिन परिस्थितियों के बावजूद सतीश शाह के चेहरे पर कभी शिकन नहीं आई। वो हर दर्द को मुस्कान में बदल देने का हुनर रखते थे। चार दशकों से भी लंबी अपनी सुनहरी पारी खेलने के बाद, जब शनिवार की दोपहर उन्होंने हमेशा के लिए अलविदा कहा, तो इरफान खान की ‘लाइफ ऑफ पाई’ की वो पंक्ति याद आ गई, ‘मुझे लगता है, अंत में पूरी ज़िंदगी जाने देने का ही नाम है, लेकिन जो चीज हमेशा सबसे ज़्यादा दर्द देती है, वो ये कि अलविदा कहने में एक पल भी नहीं लगता।’ उनके मैनेजर रमेश ने बताया कि सतीश जी का पार्थिव शरीर अस्पताल में रखा गया है और रविवार दोपहर 12 बजे मुंबई के विले पार्ले स्थित पवन हंस श्मशान भूमि में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। हास्य के इस सम्राट ने हमें सिखाया कि ज़िंदगी चाहे जितनी भी मुश्किल क्यों न हो, मुस्कान कभी मत छोड़ो। आज उनकी वही मुस्कान हर दिल में एक याद बनकर धड़क रही है, जैसे वो कह रहे हों, ‘हंसते रहो, जिंदगी बहुत खूबसूरत है।