
इस्तांबुल में बीते हफ्ते तुर्की और कतर की मध्यस्थता में अफगानिस्तान और पाकिस्तानी अधिकारियों की बैठक हुई। हालांकि मध्यस्थों की कोशिश के बावजूद शुक्रवार देर रात चर्चा बिना किसी नतीजे के रुक गई।
तुर्की के इस्तांबुल में पाकिस्तान और अफगानिस्तान की शांति वार्ता बिना नतीजे खत्म होने के लिए दोनों देश एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पाकिस्तान ने आक्रामक रुख दिखाया तो तालिबान की ओर से सीधे युद्ध की धमकी दे दी गई। तालिबान की धमकी के बाद पाकिस्तान का रुख नरम पड़ता दिख रहा है। पाकिस्तान की ओर से रविवार को कहा गया है कि वह अफगानिस्तान के साथ बातचीत चाहता है। इससे दोनों देशों में तनाव कम होने की उम्मीद जगी है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह बातचीत के जरिए द्विपक्षीय मतभेदों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके बाद तुर्की के विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और खुफिया प्रमुख पाकिस्तान की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं। तुर्की अधिकारी अफगानिस्तान के साथ शांति समझौते पर चर्चा करेंगे। कहा गया है कि यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच जल्द से जल्द स्थायी युद्धविराम और शांति स्थापित करना है।
Home / News / तालिबान ने दी युद्ध की धमकी तो नरम पड़े पाकिस्तान के सुर, बातचीत पर दिया बड़ा बयान, तुर्की के मंत्री आएंगे इस्लामाबाद
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