
सऊदी अरब और यूएई की वायु सेनाओं ने संयुक्त सैन्य अभ्यास किया है। इस अभ्यास में दोनों देशों के लड़ाकू विमान और मिसाइल डिफेंस फोर्सेज ने हिस्सा लिया है। इस दौरान हवाई सुरक्षा और मिसाइल हमलों के खतरों से निपटने का अभ्यास किया गया। इससे दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा।
सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की वायुसेनाओं ने कई मित्र देशों के साथ साझा युद्धाभ्यास किया है। इस युद्धाभ्यास में लड़ाकू विमानों के अलावा एयर डिफेंस फोर्सेज ने अपनी ऑपरेशन तैयारियों को परखा है। इस दौरान दोनों देशों की वायुसेनाओं ने हवाई और मिसाइल युद्ध सिमुलेशन के जरिए जंग की तैयारी, समन्वय और ऑपरेशनल योजनाओं की समीक्षा की। माना जा रहा है कि ये दोनों देश यमनी हूती विद्रोहियों से खतरे का सामना कर रहे हैं। हूतियों को ईरान का समर्थन प्राप्त है और उनके पास दोनों देशों पर हमला करने की ताकत भी है।
सऊदी और यूएई के बीच ATLC-35 के नाम से जाना जाने वाला हवाई युद्ध और मिसाइल रक्षा अभ्यास मध्य पूर्व में सबसे प्रमुख संयुक्त हवाई अभ्यासों में से एक है। संयुक्त अरब अमीरात के हवाई युद्ध और मिसाइल रक्षा केंद्र में आयोजित, यह भाग लेने वाली वायु सेनाओं को जटिल, मल्टी डोमेन मिशन में ट्रेनिंग प्रदान करता है
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