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बलूचिस्तान, सिंध, पंजाब… पाकिस्तान का फिर से बंटवारा होने वाला है? एक्सपर्ट ने दी जिन्‍ना के देश के जलने की चेतावनी


शहबाज शरीफ की सरकार को समर्थन देने वाली कई पार्टियां, जैसे इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी (IPP) और MQM-P नये प्रांतों के बनाने के विचार का समर्थन कर रहे हैं। इसीलिए बंटवारे की बात इस बार ज्यादा गंभीर है। पाकिस्तान में नये प्रातों के निर्माण का विचार उस वक्त आया है, जब देश में राजनीतिक हालात काफी अस्थिर हैं।
पाकिस्तान का साल 1971 में पहली बार बंटवारा हुआ था और एक आजाद मुल्क बांग्लादेश का निर्माण हुआ था। लेकिन पाकिस्तान एक बार फिर बंटने वाला है। इस बार आजाद मुल्क का निर्माण नहीं होने वाला है, बल्कि ये बंटवारा कुछ अलग तरह का है। पाकिस्तान में अब नये नये प्रांत बनाने की तैयारी चल रही है, जिसके तहत अशांत प्रदेशों को छोटे छोटे प्रांतों में तोड़ दिया जाएगा। जियो न्यूज के मुताबिक, रविवार को, पाकिस्तान के फेडरल कम्युनिकेशन मिनिस्टर, अब्दुल अलीम खान ने कहा कि छोटे प्रांत “जरूर बनाए जाएंगे”। उन्होंने कहा कि इस कदम से गवर्नेंस और सर्विस डिलीवरी में सुधार होगा।
पाकिस्तान में अभी चांर प्रांत हैं, सिंध, पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान। लेकिन अब इन्हें 12 अलग अलग प्रांतों में तोड़ने की तैयारी चल रही है। पाकिस्तान में दशकों से ज्यादा प्रांत बनाने के लिए बहस हो रहे हैं। आजादी के समय, यानि 1947 में पाकिस्तान में पांच प्रांत हुआ करते थे। पूर्वी बंगाल, यानि आज का बांग्लादेश, पाकिस्तान का पांचवां प्रांत था। उस समय प्रांतों के नाम पूर्वी बंगाल, पश्चिमी पंजाब, सिंध, नॉर्थ-वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस (NWFP) और बलूचिस्तान थे। लेकिन 1971 के लिबरेशन वॉर के बाद पूर्वी बंगाल आजाद होकर बांग्लादेश बन गया, जबकि पश्चिमी पंजाब को पंजाब नाम दिया गया। वहीं, NWFP का नाम बदलकर खैबर पख्तूनख्वा कर दिया गया और सिंध और बलूचिस्तान में कोई बदलाव नहीं हुआ।