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सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को क्यों डरा रहा एंथ्रोपिक का कोडिंग मॉडल? पास किया सबसे मुश्किल टेस्‍ट, लिख रहा इंसानों से अच्‍छे कोड


क्‍या एंथ्रोपिक के नए एआई मॉडल के आने से जून‍ियर लेवल के सॉफ्टवेयर इंजीन‍ियरों की नौकरी चली जाएगी। यह सवाल इसल‍िए पूछा जा रहा है, क्‍यों‍क‍ि इस मॉडल ने दुनिया के सबसे कठिन माने जाने वाले SWE-bench को भी पास किया। इस टेस्ट में कोडिंग की वेबसाइट GitHub से लिए गए सैकड़ों मुश्किल बग दिए जाते हैं। दावा है क‍ि यह इंसानों से अच्‍छे कोड ल‍िख रहा है।
अगर आप भी कभी सोचते हैं कि कंप्यूटर प्रोग्रामिंग बहुत मुश्किल काम है, तो अब एक नया आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) वाला दिमाग आ गया है। यह इंसानों से भी बेहतर कोड लिख रहा है। इसका नाम है क्लॉड ओपस 4.5। अमेरिका की कंपनी एंथ्रोपिक ने इसे डिवेलप किया है। आम भाषा में कहें तो यह दुनिया का अब तक का सबसे तेज और समझदार कोडिंग वाला AI मॉडल है। इस मॉडल का पिछला वर्जन 3 गुना महंगा था, यानी क्लॉड ओपस 4.5 को अब 10 लाख शब्द पढ़ने या लिखने में सिर्फ 3-4 हजार रुपये ही लग रहे। अब सवाल क‍िया जा रहा है क‍ि क्या जूनियर लेवल के सॉफ्टवेयर इंजीन‍ियरों की नौकरियों पर संकट है?
एंथ्रोपिक अपने यहां हायरिंग के दौरान जो टेस्ट लेती है, वही सवाल क्लॉड ओपस 4.5 को भी दिए गए। फिर इसने इंसानों से भी अच्छे अंक हासिल किए। इतना ही नहीं, पिछले दिनों क्लॉड ओपस 4.5 ने दुनिया के सबसे कठिन माने जाने वाले SWE-bench को भी पास किया। इस टेस्ट में कोडिंग की वेबसाइट GitHub से लिए गए सैकड़ों मुश्किल बग दिए जाते हैं। अब तक कोई भी AI मॉडल 80% से ऊपर नहीं पहुंच पाया था, लेकिन क्लॉड ओपस 4.5 ने पहली बार 80.9% स्कोर हासिल किया।
क्या जूनियर लेवल के सॉफ्टवेयर इंजीन‍ियरों की नौकरियों पर संकट है? – ये सवाल हर कोई पूछ रहा है। सच ये है कि जो जूनियर डिवेलपर्स (सॉफ्टवेयर इंजीनियर) सिर्फ छोटे-मोटे बग ठीक करते थे या पुराना कोड अपडेट करते थे, उनका काम अब ये AI मॉडल कर सकता है। लेकिन अच्छी खबर ये भी है कि अब सीनियर डिवेलपर्स का काम आसान हो जाएगा। वे पहले 10 चीजें करते थे, अब सिर्फ 2 करेंगे और बाकी AI मॉडल से करवा लेंगे। यानी तेजी से ज्यादा अच्छे प्रोडक्ट बनेंगे। एंथ्रोपिक ने बताया कि इस AI मॉडल को कई तरह के टेस्ट से गुजारा गया, ताकि गलत या खतरनाक कोड लिखे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अगर कोई हैकर इसे गलत काम के लिए इस्तेमाल करना चाहे, तो ये मना कर देता है।
ये क्या कर सकता है? -अगर कोई सॉफ्टवेयर में बग (गड़बड़ी) है, तो ये खुद ढूंढकर ठीक कर देता है।
पुराना कोड जो 10 साल पुराना हो, उसे नया बना देता है।
पूरा का पूरा ऐप या वेबसाइट बनाने में मदद करता है, वो भी बिना बार-बार पूछे।
सबसे खास बात ये है कि यह गलती बहुत कम करता है।
आम आदमी को क्या फायदा होगा? – आपका फोन का ऐप जल्दी और सही अपडेट होगा।
बैंकिंग ऐप, ओला-उबर, स्विग्गी-जोमैटो जैसे ऐप्स और भी तेज और सुरक्षित हो जाएंगे।
नई-नई कंपनियां सस्ते में अच्छे सॉफ्टवेयर बना सकेंगी।
भारत में भी लाखों डिवेलपर्स इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, क्योंकि ये हिंदी-अंग्रेजी दोनों अच्छे से समझता है।