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जेम्‍स कैमरून: 43 साल में बनाई 10 फिल्‍में, 5 शादियां, 4 बच्‍चे, हॉलीवुड धुरंधर की नेट वर्थ जान उड़ जाएंगे तोते


जेम्‍स कैमरून की फिल्‍मों के मुरीद तो आप भी होंगे। शायद ही कोई ऐसा सिनेप्रेमी हो, जिसने उनकी दुनिया में गोते नहीं लगाए। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि दिग्‍गज फिल्‍ममेकर की सिनेमा की दुनिया में एंट्री कैसे हुई, आइए जानते हैं उनके जन्‍म, परिवार, पढ़ाई और फिल्‍मों से लेकर नेट वर्थ तक सबकुछ।
जेम्स फ्रांसिस कैमरून, सिनेमा की दुनिया के लिए यह एक ऐसा नाम है, जिसे पर्दे पर अपनी ही दुनिया गढ़ने और दर्शकों को उसमें डुबोने का हुनर मालूम है। कनाडा में पैदा हुए जेम्‍स कैमरून ना सिर्फ वर्ल्‍ड सिनेमा के सबसे हैरतंगेज फिल्‍ममेकर हैं, बल्‍क‍ि गहरे समुद्र के एक बेहतरीन खोजकर्ता भी। एक ऐसी हस्ती, जिसने मॉर्डन फिल्‍ममेकिंग को नया आयाम दिया। नई-नई टेक्नोलॉजी से पर्दे पर अद्भुत दुनिया बनाने और दिखाने का जो करतब कैमरून करते हैं, उनके जैसे गिने-चुने ही हैं। आज जब दुनिया ‘अवतार: फायर एंड ऐश’ से एक बार फिर जेम्‍स कैमरून की कला का कायल हो रही है, उनके बारे में जानना किसी के लिए भी दिलचस्‍प है। खासकर यह कि अपने 43 साल के फिल्‍ममेकिंग करियर में उन्‍होंने सिर्फ 10 फिल्‍में बनाई हैं। उनकी ये फिल्‍में दुनिया भर में $8 बिलियन (आज 72,166 करोड़ रुपये) से ज्यादा कमाई कर चुकी हैं। वह 3 बार ऑस्‍कर जीत चुके हैं, 2 बार प्राइमटाइम एमी अवार्ड और 4 बार गोल्डन ग्लोब अवार्ड। लेकिन कैसा हो, यदि आपसे यह कहें कि उनका बेमिसाल फिल्‍म डायरेक्‍टर बनना भी एक अजीब संयोग है, क्‍योंकि वो तो एक विजुअल इफेक्‍ट्स (VFX) डायरेक्‍टर थे।
कनाडा के ओंटारियो में 16 अगस्‍त 1954 को पैदा हुए जेम्‍स कैमरून आज 71 साल के हैं। वह 17 साल की उम्र में कैलिफोर्निया चले गए थे और वहां फुलटर्न कॉलेज में दाखिला लिया था। करियर की शुरुआत उन्‍होंने शॉर्ट फिल्म ‘जेनोजेनेसिस’ (1978) से की, जबकि पहली बार दुनिया ने उनके हुनर की कद्र तब की, जब वह साइंस फिक्शन एक्शन फिल्म ‘द टर्मिनेटर’ (1984) लेकर आए। 1997 में ‘टाइटैनिक’ की र‍िलीज के बाद सब उनके कायल हो गए, जबकि 2009 में ‘अवतार’ फ्रेंचाइज ने तो जैसे सबको दीवाना बना दिया।
सिर्फ बेहतरीन फ‍िल्‍में नहीं, बॉक्‍स ऑफिस पर कमाई का अंबार भी – जेम्‍स कैमरून की तीन फिल्में- अवतार (2009), अवतार: द वे ऑफ वॉटर (2022) और टाइटैनिक (1997), अब तक की चार सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से हैं। इसमें से ‘अवतार’ ने दुनियाभर में ₹23,000+ करोड़ और ‘अवतार 2’ ने ₹19,000+ से ज्यादा की कमाई की। वह एकमात्र ऐसे निर्देशक हैं जिनकी तीन फिल्मों ने $2 बिलियन से ज्यादा की कमाई की है। उनकी ‘द टर्मिनेटर’, ‘टर्मिनेटर 2: जजमेंट डे’, और ‘टाइटैनिक’, तीन फिल्‍मों को लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस ने नेशनल फिल्म रजिस्ट्री में संरक्षण के लिए चुना है।
जेम्‍स कैमरून का शुरुआती जीवन – जेम्स कैमरून कनाडा के ओंटारिया के कपुस्कासिंग में पैदा हुए थे। उनके पिता फिलिप कैमरन एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे और मां शर्ली (नी लोव) एक कलाकार और नर्स थीं। वह पांच बच्चों में सबसे बड़े थे, उनके दो भाई और दो बहनें हैं। उनके परदादा 1825 में बाल्क्विहिडर, स्कॉटलैंड से आकर कनाडा में बसे थे। उन्होंने नियाग्रा फॉल्स में स्टैमफोर्ड कॉलेजिएट में पढ़ाई की।17 साल की उम्र में उनका परिवार कैलिफोर्निया चला गया। उन्होंने आगे वहीं से सोनोरा हाई स्कूल में पढ़ाई की और फिर ब्रेया ओलिंडा हाई स्कूल चले गए।
जेम्‍स कैमरून की एजुकेशन – हाई स्कूल के बाद, जेम्‍स कैमरून ने 1973 में फिजिक्स पढ़ने के लिए फुलर्टन कॉलेज में एडमिशन लिया। लेकिन फिर उन्होंने विषय बदलकर अंग्रेजी साहित्‍य को चुना, पर एक साल बाद ही 1974 के आखिर में कॉलेज छोड़ दिया। कैमरून ने मुफलिसी के दिन भी देखे। कभी ट्रक ड्राइवर, तो कभी हाई स्कूल में चौकीदार जैसे छोटे-मोटे काम किए। लेकिन इस दौरान ही उन्‍हें लिखने का भी चस्‍का लगा। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया की लाइब्रेरी में ऑप्टिकल प्रिंटिंग, फ्रंट स्क्रीन प्रोजेक्शन, डाई ट्रांसफर, और फिल्म टेक्नोलॉजी से जुड़ी चीजें पढ़कर स्पेशल इफेक्ट्स के बारे में सीखा।
जेम्‍स कैमरून के फिल्‍मी करियर की शुरुआत – बात साल 1977 की है। ‘स्टार वॉर्स’ फिल्‍म देखने के बाद, जेम्‍स कैमरून ने ट्रक ड्राइवर की नौकरी छोड़ दी। वह अब फिल्‍मों में आना चाहते थे। कैमरून का डायरेक्शन करियर 1978 में शुरू हुआ। दोस्‍तों से पैसे उधार लेकर उन्होंने अपनी पहली शॉर्ट फिल्म ‘जेनोजेनेसिस’ (1978) को डायरेक्ट किया। वह इसके राइटर भी थे। फिर उन्होंने ‘रॉक ‘एन’ रोल हाई स्कूल’ (1979) में प्रोडक्शन असिस्टेंट के तौर पर काम किया। फिल्म बनाने की टेक्नीक के बारे में सीखते हुए, कैमरून ने रोजर कोरमैन स्टूडियो में मिनिएचर मॉडल मेकर के तौर पर नौकरी शुरू की। जल्द ही उन्हें साइंस-फिक्शन फिल्म ‘बैटल बियॉन्ड द स्टार्स’ (1980) के लिए आर्ट डायरेक्टर के तौर पर काम पर रखा गया।
जेम्‍स कैमरून की डेब्‍यू फिल्‍म ‘प‍िरान्‍हा 2’ और किस्‍मत का खेल – यह किस्‍सा बड़ा मजेदार है। जेम्‍स कैमरून को ‘पिरान्हा’ (1978) के सीक्वल ‘पिरान्हा 2: द स्पॉनिंग’ के लिए विजुअल इफेक्ट्स डायरेक्टर के तौर पर नौकरी मिली। फिल्‍म के ओरिजिनल डायरेक्टर मिलर ड्रेक थे। लेकिन प्रोड्यूसर ओविडियो एसोनिटिस के साथ उनके मतभेद हो गए। मिलर ने अचानक फिल्‍म छोड़ दी। प्रोड्यूसर ने जेक्‍स कैमरून को मौका दिया। एक इंटरव्‍यू में उन्‍होंने कहा था, ‘ओविडियो एसोनिटिस के साथ पावर-स्ट्रगल के कारण उन्हें डेब्‍यू फिल्‍म, अपनी पहली फिल्म जैसी नहीं लगी।’