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’10 दिन में खिलेंगे फूल, 20 दिन में गुच्छों में उगेंगे टमाटर’ माली ने बताया चावल डालने का सीक्रेट तरीका, है असरदार


अगर आपनी बालकनी या छत पर टमाटर का पौधा लगाया है लेकिन फल नहीं आने की वजह से परेशान है तो एक लिक्विड फर्टिलाइजर के बारे में जान लीजिए। घर पर रखी चीजों से ही बनकर तैयार हो जाएगी और जैविट सब्जी उगाने में मदद करेगी।
गार्डनिंग का शौक रखने वाले अक्सर महंगे फर्टिलाइजर और केमिकल के पीछे भागते हैं, जबकि सबसे शक्तिशाली पोषक तत्व रसोई में ही छिपे होते हैं। अगर आप जैविक रूप से सब्जियां उगाना चाहते हैं तो यह लेख आपके बहुत काम का है। आप चावल की मदद से ही पावरफुल फर्टिलाइजर बना सकते हैं जो टमाटर उगाने में मदद करती है।
दरअसल गार्जनिंग एक्सपर्ट मनदीप का कहना है कि जो ताकत प्राकृतिक चीजों में है, वह बाजार की महंगी खाद को मात देती है। उन्होंने ऐसे ही ‘सीक्रेट तरीके’ के बारे में बताया है जिससे न केवल आपके पौधे घने होंगे, बल्कि वे फूलों और फलों लद जाएंगे। इस जादुई लिक्विड फर्टिलाइजर को बनाने का सही तरीका जान लीजिए।
चावल और दही – चावल केवल हमारा पेट ही नहीं भरता, बल्कि पौधों के लिए भी कार्बोहाइड्रेट का सबसे बड़ा स्रोत है। चावल के पानी में विटामिन-B, खनिज और स्टार्च होता है जो मिट्टी में मौजूद ‘गुड बैक्टीरिया’की संख्या को तेजी से बढ़ाता है। वहीं दूसरी ओर, दही में नाइट्रोजन और फास्फोरस प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो पौधों की जड़ों को मजबूत बनाने और नई पत्तियों के विकास में सहायक होते हैं।
फर्टिलाइजर तैयार करने का पहला – इस खाद को बनाने के लिए एक कटोरी चावल लें। आधा लीटर गुनगुने पानी में डालकर एक बार हल्का धो लें और पानी फेंक दें। अब इसमें फिर से आधा लीटर साफ ठंडा पानी डालें और 2 घंटे के लिए छोड़ दें। 2 घंटे बाद चावल का पानी छान लें। इस पानी को किसी कांच या प्लास्टिक की बोतल में भरें। ध्यान रहे कि तांबा, पीतल या स्टील के बर्तन का इस्तेमाल न करें, क्योंकि वे खमीर उठने की प्रक्रिया में बाधा डाल सकते हैं।
दही के साथ मिश्रण और फर्मेंटेशन – बोतल को ढक्कन से बंद करने के बजाय एक सूती कपड़े से बांधें ताकि हवा का संचार बना रहे। इसे 3 दिन तक छांव वाली जगह पर रखें। तय समय बाद एक प्लास्टिक के गिलास में थोड़ा सा पानी निकालें और उसमें एक चम्मच ताजा दही अच्छी तरह मिला दें। इस मिश्रण को वापस बोतल में डाल दें। इससे मिट्टी के लिए एक शक्तिशाली ‘प्रोबायोटिक’ तैयार होता है जो पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।
आखिरी प्रोसेस – दही मिलाने के बाद बोतल को फिर से कपड़े से ढककर 2 दिन के लिए रख दें। इस तरह कुल 5 दिनों में कंसन्ट्रेटेड लिक्विड फर्टिलाइजर तैयार हो जाएगा। 5 दिन बाद इसमें से एक विशेष गंध आएगी, जो इस बात का संकेत है कि आपके पौधों के लिए अमृत तैयार हो चुका है। यह घोल इतना शक्तिशाली होता है कि इसकी थोड़ी सी मात्रा ही बड़े बदलाव ला सकती है।
इस्तेमाल करने का सही तरीका – इस फर्टिलाइजर को सीधा पौधों में कभी न डालें। दरअसल आधा लीटर घोल को 10 लीटर पानी जितना है। तो एक प्लांट के लिए आधा लीटर सादे पानी में मात्र 5 मिलीलीटर घोल मिलाएं। इस्तेमाल से पहले गमले की मिट्टी की हल्की गुड़ाई करें और खरपतवार निकाल दें। ध्यान रहे कि गुड़ाई बहुत गहरी न हो ताकि जड़ों को नुकसान न पहुंचे।खाद जड़ों के पास की मिट्टी में डालें।
फूलों से फलों तक का सफर और पॉलिनेशन – इस खाद के इस्तेमाल के 10 दिन के भीतर पौधा घना होने लगेगा और कलियां दिखने लगेंगी। जब फूल आने लगें, तो पानी देना थोड़ा कम कर दें, ताकि फूल गिरें नहीं। टमाटर जैसे पौधों में नेचुरल पॉलिनेशन के लिए पौधे के तने को हल्के हाथ से पकड़कर हिला दें। हवा न चलने की स्थिति में ऐसा करने से फूलों से फल बनने की प्रोसेस सुनिश्चित होती है और टमाटर गुच्छों में उगने लगते हैं।