
वाशिंगटनः ट्रंप प्रशासन की नई आव्रजन नीति के कारण बेहतर जीवन के सपने लिए अमरीका पहुंचे 52 भारतीयों समेत 123 अप्रवासी मुसीबत में फंस गए हैं और उन्हें जान के लाले पड़े हुए हैं। इन सभी लोगों को यहां हिरासत में ले लिया गया है। इनमें ज्यादातर दक्षिण एशियाई बताए जा रहे हैं। अमरीकी मीडिया के अनुसार, 123 अप्रवासियों को ओरेगन प्रांत के यमहिल काउंटी की शेरिडान जेल में रखा गया है।
वकील वैलेरी कौर ने ट्वीट कर बताया है कि पकड़े गए 123 अप्रवासियों में करीब 70 दक्षिण एशियाई हैं। इनमें से 52 भारतीय, 13 नेपाली और दो बांग्लादेशी हैं। जबकि एनजीओ एशिया पैसिफिक अमेरिकन नेटवर्क ऑफ ओरेगन ने कहा कि इन बंदियों को अलग रखा गया है। इन्हें दुभाषिए की सीमित सुविधा मुहैया कराई गई है। जेल की मौजूदा व्यवस्था में इनके उत्पीड़न का भी खतरा है।
खबरों के अनुसार, दक्षिण एशियाई बंदियों में कई हिंदी और पंजाबी बोलने वाले हैं। जबकि कई की पहचान चीनी नागरिक के तौर पर की गई है। बंदियों में से कई ने खुद की पहचान सिख या ईसाई के तौर पर जाहिर की है। बता दें कि अमरीका की नई आव्रजन नीति के कारण 19 अप्रैल से 31 मई के बीच करीब दो हजार से ज्यादा अप्रवासी बच्चे अपने परिवार से बिछड़ गए हैं।
हाल ही में शेरिडान जेल का दौरा करने वाले अमरीकी डेमोक्रेटिक सांसदों के एक दल ने बताया कि हिरासत में लिए गए अप्रवासियों ने अमरीका से शरण देने की मांग की है। एक सांसद सुजैन बोनामिसि ने बताया, ‘पंजाबी दुभाषिए के जरिए पता चला कि ये लोग शरण मांगने की योजना बना रहे हैं क्योंकि भारत में उन्हें भयंकर धार्मिक अत्याचारों का सामना करना पड़ा। ज्यादातर सिख या ईसाई हैं। उन्होंने बताया कि वे धार्मिक आजादी के लिए अमरीका आए थे, लेकिन अब उन्हें लगता है कि वे पागल हो जाएंगे क्योंकि उन्हें दिन में 22 घंटों तक छोटी कोठरियों में रखा जा रहा है।’
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