
बीजिंगः ‘मेड इन चाइना’ से उभरी सस्ते और कामचलाऊ सामान की छवि को अब चीन बदलना चाहता है । चीन अब मेड इन चाइना 2025 प्रोजेक्ट के तहत तीन स्तरों पर काम कर रहा है। इसमें सबसे प्रमुख है चीन में बनने वाले सामान की गुणवत्ता में सुधार करना। चीन 2035 तक दुनिया की बड़ी इंडस्ट्री में अपनी कंपनियों को स्थापित करना चाहता है।
2049 तक चीन ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया का बादशाह होना चाहता है और मेड इन चाइना 2025 का आख़िरी लक्ष्य यही है। इस प्रोजेक्ट के तहत 10 अहम सेक्टरों पर ध्यान केंद्रित करना है। इसमें सेंजर जेट, रोबोट, सेटेलाइट, समुद्री इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल्स वाहन में युद्धस्तर पर काम होगा। इसके लिए चीन की सरकार आर्थिक मदद मुहैया कराएगी साथ ही रिसर्च पर जोर शोर से काम भी करेगी। मेड इन चाइना 2025 के तहत संस्थान और विश्वविद्यालय भी खोले जाएंगे। कई लोग चीन के इस प्रोजेक्ट को अमरीका के लिए चुनौती मान रहे हैं।
अमरीका और चीन में अभी व्यापार के मोर्चे पर तनातनी की स्थिति है। अमरीका का कहना है कि चीन के साथ व्यापार रिश्ता एकतरफा है और उसे 2017 में 370 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा। इसी तनातनी के बीच चीन के मेड इन चाइना 2025 प्रोजेक्ट की चर्चा जोर-शोर से हो रही है। चीन इस योजना के तहत अपनी इंडस्ट्री को अपग्रेड करने की रणनीति पर काम कर रहा है।
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