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ईरान-अमरीका खींचतान से बचने के लिए भारत का ‘प्लान डी’ तैयार


दुनिया में बड़े तेल निर्यातक देश ईरान और अमरीका में बढ़ती खींचतान का असर कई देशों पर पड़ेगा। एेसे में भारत भी अमरीकी प्रतिबंधों से प्रभावित होने के आशंका है । यह अलग बात है कि अमरीका ने भारत समेत कई देशों से कहा है कि वे ईरान से तेल आयात बंद करें और भारत ने अभी अपनी स्थिति साफ नहीं की है और ईरान से तेल आयात जारी है। इसके बावजूद ईरान से भारत में सबसे ज्यादा कच्चा तेल आयात करने वाली कंपनी इंडियन ऑयल का कहना है कि उसके पास बैक के लिए प्लान तैयार है। आईओसी के प्रमुख संजीव सिंह ने कहा कि इस बारे में अपनी योजना का ज्यादा खुलासा नहीं कर सकते, लेकिन हमारे पास प्लान बी, प्लान सी और प्लान डी तक तैयार है।
कंपनी का कहना है कि यदि ईरान से पूरी तरह भी तेल का आयात रुक जाता है तब भी कंपनी को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। कंपनी के प्रमुख संजीव सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा है कि सऊदी अरब पूरी दुनिया में ईरान पर रोक से होने वाली कमी को पूरा करने की क्षमता रखता है। कंपनी के वित्त निदेशक एके शर्मा ने मई में ब्लूमबर्ग को बताया था कि पिछले साल की तुलना में इस वित्त वर्ष में तीन मिलियन टन अधिक तेल का आयात किया गया।पिछले वित्त वर्ष में जहां 4 मिलिटन का आयात किया गया था वहीं इस बार मार्च तक 7 मिलियन टन कच्चे तेल का आयात किया गया। पिछले महीने के तुलना में भारत ने ईरान से तेल आयात में 35 फीसदी का इजाफा भी किया है।
बता दें कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद कई एशियाई देशों ने अपने लिए अन्य तेल निर्यातक देशों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। अमरीका ने ईरान पर परमाणु कार्यक्रम रोकने का दबाव बनाने के लिए देशों से कहा है कि वे ईरान से तेल का कारोबार नवंबर तक रोक दें।अमरीका ने 4 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया है । अमरीका का कहना है कि इस समय सीमा में कोई ढील नहीं दी जाएगी। भारत सरकार ने अभी तक अमरीकी फैसले पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया है बल्कि यह प्रयास किया है कि उसे इन प्रतिबंधों से छूट मिल जाए। साथ ही देश ने यह कोशिश आरंभ कर दी है कि ईरान को वैकल्पिक व्यवस्था के जरिए तेल के दाम दे दिए जाएं। इसके साथ ही सरकार ने तेल कंपनियों को साफ कर दिया है कि वे इस नीति पर काम करें कि आयात बंद होने की स्थिति में कैसे काम चलेगा।