
थाईलैंड में एक गुफा के भीतर फंसे 12 फुटबॉल खिलाड़ी और उनके कोच को बचाने में मदद करते हुए ऑक्सीजन की कमी के कारण सेना के एक पूर्व गोताखोर की मौत हो गई। वहीं पहली बार किसी अधिकारी ने यह स्वीकार किया है कि लड़के बाहर निकलने के लिए मानसून खत्म होने तक इंतजार नहीं कर सकते। एपाकोर्न यूकोंगकाव ने पत्रकारों से कहा, ‘‘पहले हमने सोचा था कि बच्चे लंबे समय तक रह सकते हैं लेकिन अब चीजें बदल गई हैं, हमारे पास ज्यादा समय नहीं है।’’
गोताखोर की मौत के बावजूद काम जारी
चिआंग राय के डिप्टी गवर्नर पास्साकोर्न बूनयालक ने पत्रकारों से कहा कि स्वेच्छा से मदद करने वाले एक पूर्व सील गोताखोर की कल रात करीब दो बजे मौत हो गई।’’ उन्होंने इसे ‘दुखद खबर’ बताया। गोताखोर की पहचान समन कुनोंत के रूप में हुई है। कुनोंत थाम लुआंग गुफा के भीतर एक स्थान से वापस आ रहे थे तभी उन्हें ऑक्सीजन की कमी हो गई। थाई सील के कमांडर एपाकोर्न यूकोंगकाव ने कहा कि वापस लौटते समय वह बेहोश हो गया। उन्होंने बताया कि एक दोस्त ने उन्हें बाहर निकालने की कोशिश की।
यह पूछे जाने पर कि अगर एक अनुभवी गोताखोर बाहर नहीं निकल पाया तो लड़के कैसे सुरक्षित बाहर निकल पाएंगे, इस पर एपाकोर्न ने कहा कि वे बच्चों के साथ ज्यादा एहतियात बरतेंगे। उन्होंने कहा कि हालांकि हमने एक व्यक्ति को खो दिया लेकिन हमारा अब भी काम जारी रखने में विश्वास है।
पानी के बीच गुफा में फंसे हैं बच्चे
बता दें कि बच्चे चिआंग राय प्रांत के थाम लुआंग गुफा में फंसे हुए हैं, वहां से निकलना बेहद मुश्किल है क्योंकि वहां चारों तरफ पानी फैला हुआ है, रास्ता बेहद संकरा है, वहां अंधेरा है और कीचड़ होने के कारण वहां से बाहर आने के लिए उन्हें बेहद मशक्कत करनी पड़ेगी। भारत ने भी राज्य सरकार को मदद करने की पेशकश की है।
गुफा देखने गए तभी बाढ़ आ गई
ये सभी 12 खिलाड़ी अंडर-16 फुटबॉल टीम के सदस्य हैं। इनकी उम्र 11 से 16 साल के बीच है। कोच की उम्र 25 साल है। इस तरह 13 लोग गुफा में फंसे हैं। सभी अभ्यास मैच के बाद गुफा देखने गए थे। ये एक समुद्र तट पर मौजूद रास्ते से गुफा के अंदर गए। रास्ता बहुत संकरा था। तभी बारिश और बाढ़ आ गई। इससे ये 10 किलोमीटर लंबी गुफा में रुक गए। लेकिन पानी बढऩे से गुफा से बाहर निकलने का संकरा रास्ता बंद हो गया।
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