
इस्लामाबादः राष्ट्र को पहली बार संबोधन दौरान किया वायदा पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने पूरा कर दिया है। वह प्रधानमंत्री आवास को छोड़कर 3 बेडरूम वाले फ्लैट में रहने चले गए हैं। इमरान अब इसी फ्लैट में रहेंगे और यहीं से काम करेंगे। शनिवार को पीएम पद की शपथ लेने के बाद रविवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद इमरान खान दफ्तर पहुंच गए। रविवार सुबह मॉर्निंग वॉक के बाद इमरान ट्रैक सूट में ही अपने स्टाफ के साथ पीएम ऑफिस पहुंचे तो सब हैरान रह गए। इमरान के अंदाज को देखकर लग रहा है कि वो काम को लेकर किसी समझौते के मूड में नहीं है।
इमरान का कहना है कि 80 कारों का काफिला भी अपने पास नहीं रखेंगे। वह इस्तेमाल के लिए 2 कारें साथ रखेंगे और बाकी नीलाम कर देंगे। नीलामी से आए पैसे को किसी ऐसे काम में लगाएंगे, जो देश के काम आए। राष्ट्र को पहली बार संबोधित करते हुए इमरान ने कहा था कि पाकिस्तान का प्रधानमंत्री आवास एक लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा में बना है। यहां हर वक्त मुल्क के वजीर-ए-आजम की खातिरदारी के लिए 524 लोगों का निजी सपोर्ट स्टाफ तैनात रहता है। 80 कारों का काफिला दरवाजे पर खड़ा रहता है, जिनमें 33 बुलेटप्रूफ कार भी शामिल हैं। इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान पर लदे भारी कर्ज को कम करना उनकी प्राथमिकता है। पीएम बोले- 10 साल में देश पर उधार 15 हजार अरब रुपए से बढ़कर 28 हजार अरब रुपए हो गया है। उन्होने कहा कि वो ऑडिट कराएंगे कि यह पैसा आखिर कहां गया? कर्ज का इस्तेमाल बहुत मुश्किल हालात में और कम वक्त के लिए ही किया जाना चाहिए। जो लोग अब तक हमारे मुल्क को चला रहे थे, उन्होंने कर्ज लेकर काम चलाने की आदत ही डाल दी है। कर्ज लेकर कोई देश तरक्की नहीं कर सकता। PunjabKesari
आवास में ही बने हेलीपैड पर 2 से 3 हेलीकॉप्टर हर वक्त खड़े रहते हैं। इमरान ने पद संभालने के बाद कहा कि ये सब फिजूलखर्ची है। मैं तो अपने पुराने घर में ही रहना चाह रहा था, लेकिन खुफिया एजेंसियों ने कहा कि वहां मेरी जान को खतरा होगा। मजबूरी में मुझे वो घर छोड़ना पड़ा, लेकिन अब मैं सैन्य सचिव के 3 बेडरूम वाले घर में शिफ्ट हो गया हूं। बस 2 लोग मेरे साथ रहेंगे। 80 कारों की भी कोई जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि हमारी योजना पीएम हाउस को एक विश्वस्तरीय रिसर्च यूनिवर्सिटी के तौर पर विकसित करने की है। इमरान ने ये भी ऐलान किया कि उनकी सरकार बाकायदा एक कमेटी बनाएगी, जो सरकारी लोगों पर होने वाले सरकारी खर्चे का हिसाब जोड़ेगी और ये देखेगी कि इसमें कहां कटौती की जा सकती है। उन्होंने कहा कि एक तरफ हमारे पास अपने लोगों पर खर्च करने के लिए पैसे नहीं है। वहीं सरकार के ही लोग आलीशान तरीके से रहते हैं।
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