
लंदन: यूनाइटेड किंग्डम (यू.के.) संसद के परिसर में मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को देश की सस्ती 2 वर्षीय विजिटर वीजा योजना में शामिल किया जाना चाहिए ताकि अधिक से अधिक भारतीयों को आकर्षित किया जा सके। इससे पहले से ही मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। रॉयल कॉमनवैल्थ सोसायटी में निदेशक (नीति एवं अनुसंधान) टिम हेइविश ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी सिफारिशों के बहुत ही स्पष्ट फायदों पर विचार करेगी।
वहीं 2 प्रमुख राष्ट्रमंडल देशों के पहले से ही मजबूत संबंधों को प्रगाढ़ बनाया जाएगा।’’ रिपोर्ट में वैश्विक भारतीय पर्यटक संख्या में ब्रिटेन की घटती भागीदारी का उल्लेख किया गया है। यह भागीदारी बीते दशक में घटकर आधी रह गई है और इससे यू.के. की अर्थव्यवस्था को अनुमानत: लगभग 50 करोड़ पौंड वार्षिक तथा 8000 रोजगारों का नुक्सान हुआ है।
बतातें चले कि अक्तूबर 2015 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरून ने 2 वर्षीय ब्रिटेन-चीन वीजा की एक प्रायोगिक योजना की घोषणा की थी जिसमें वीजा लागत 87 पौंड है। उक्त रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि भारतीय नागरिकों को भी यह अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। यह रिपोर्ट ‘ए पासेज फ्रॉम इंडिया, इम्प्रूविंग यू.के. विजिटर वीजाज फार इंडियन नैशनल्स’ ब्रिटेन की रॉयल कॉमनवैल्थ सोसायटी ने उद्योग मंडल सी.आई.आई. व अन्य प्रमुख पर्यटन, विमानन व उद्योग संगठनों के साथ मिलकर तैयार की है।
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