मेलबर्न : एक नए अध्ययन से पता चला है कि अपने अंगूठे चूसने वाले या अपने नाखुन कुतरने वाले बच्चों में एलर्जी विकसित होने की संभावना कम रहती है। अध्ययनकर्ताओं ने कहा है कि जिन बच्चों में इन दोनों ‘‘बुरी आदतों’’ की आदत है तो उन्हें भी घर के धूल के कण, घास, बिल्ली, कुत्ते और घोड़ें जैसी चीजों से कम एलर्जी होने की संभावना रहती है।
पूर्व में न्यूजीलैंड के डुनेडिन स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ काम करने वाले और वर्तमान में कनाडा के मैकमास्टर युनिवर्सिटी से जुड़ हुए मैल्कम सियर्स ने कहा, ‘‘हमारी खोज इस स्वच्छता के सिद्धांत के समान है कि जीवन के आरंभिक समय में धूल या कीटाणुओं से संपर्क होने से एलर्जी के विकसित होने का खतरा कम रहता जाता है।’’
सियर्स ने कहा, ‘‘हालांकि हम इन आदतों को प्रात्साहित किये जाने की सिफारिश नहीं करते हैं लेकिन इन आदतों के सकारात्मक पहलू भी सामने आये हैं।’’ इस अध्ययन को पीडियाट्रिक्स पत्रिका में प्रकाशित किया गया था।