
ब्रिटेन की एक अदालत ने महिला को 3 साल की बच्ची का खतना करने के लिए 11 साल की जेल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इसे अप्राकृतिक क्रूरता की श्रेणी में रखते हुए कहा कि घर में बच्ची के साथ यह क्रूरता हुई, जहां उसे खुद को सबसे सुरक्षित महसूस करना चाहिए था। बता दें कि ब्रिटेन में पहली बार किसी शख्स को खतना करने के लिए जेल की सजा सुनाई गई है। जस्टिस फिलिपा व्हिपल ने सजा का ऐलान करते हुए कहा, ‘यह पूरी तरह से स्पष्ट होना चाहिए कि एफजीएम (महिलाओं का खतना) भी बच्चों के साथ यौन शोषण का ही एक रूप है।’
युगांडा मूल की महिला को सजा सुनाने का ऐलान करते हुए कोर्ट ने कहा, यह एक बेहद क्रूर प्रथा है।’ ब्रिटेन में 30 साल से अधिक समय से इस क्रूर प्रथा को बंद किया जा चुका है। इसके बाद महिला को इस मामले में सजा सुनाई गई है। जज ने महिला के अपराध को गंभीर और क्रूर की श्रेणी में मानते हुए कठोर सजा देने का फैसला किया। कोर्ट ने घर में हुए खतना को भी गंभीर मुद्दा बताया। दोषी करार दी गई महिला का नाम कानूनी कारणों से जाहिर नहीं किया गया।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान संवेनशीलता और सुरक्षा के मुद्दे को उठाया। जज ने फैसले में कहा, ‘इस केस से जुड़े कुछ संवेदनशील पहलू पर भी गौर किया जाना चाहिए। जिस बच्ची का खतना हुआ वह महज 3 साल की थी और अपने घर में थी। घर जहां, उसे खुद को सबसे सुरक्षित अहसास होना चाहिए था। एक मां के तौर पर एक संरक्षक के तौर दोषी महिला ने विश्वास को तोड़ा है।
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