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विज्ञान ने ईश्वर की हत्या नहीं की: भौतिकशास्त्री ग्लीजर


ब्राजीली मूल के अमेरिकी अनिश्वरवादी सैद्धांतिक भौतिकशास्त्री मारसेलो ग्लीजर (60) को मंगलवार को ‘जीवन के आध्यात्मिक आयाम की पुष्टि’ में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देने वाले टेंपलटन पुरस्कार से सम्मानित किया गया कॉस्मोलोजी समेत कई विषयों में विशेष अध्ययन कर चुके ग्लीजर भौतिक विज्ञान और खगोल विज्ञान के प्रोफेसर हैं। वह अनिश्वरवादी हैं। उनका ईश्वर, अल्लाह या गॉड में कोई विश्वास नहीं है, लेकिन वह ईश्वर के वजूद को पूरी तरह खारिज भी नहीं करते।
उनका मानना है कि विज्ञान ने किसी भी तरह से ईश्वर की हत्या नहीं की न्यू हैंपशायर यूनिर्विसटी के डार्टमाउथ कालेज के प्रोफेसर ग्लीजर अनिश्वरवाद के विभिन्न पहलुओं की चर्चा करते हुए कहते हैं, ‘‘अनिश्वरवाद वैज्ञानिक तरीकों के प्रति असंगत है।’’ वह कहते हैं, ‘‘अनिश्वरवाद अनास्था में एक तरह की आस्था है। इसलिए, आप किसी चीज को सिरे से नकार देते हैं जिसके खिलाफ आपके पास कोई सबूत नहीं है।’’

वह अपने बारे में कहते हैं, ‘‘मैं अपना दिमाग खुला रखूंगा क्योंकि मैं समझता हूं कि मानव ज्ञान सीमित है।’’ ग्लीजर ने मुख्य रूप से यह प्रर्दिशत करने में अपना समय लगाया है कि विज्ञान और धर्म एक दूसरे के दुश्मन नहीं हैं। इससे पहले टेंपलटन पुरस्कार से डेसमंड टूटू, दलाई लामा, असंतुष्ट सोवियत लेखक अलेक्सांद्र सोल्झेंस्टाइन सरीखी शख्सियतें सम्मानित हो चुकी हैं। इसमें 15 लाख डॉलर की नकद राशि दी जाती है जो नोबेल पुरस्कार की राशि से कहीं ज्यादा है।