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पाकिस्तान के हालात इमरान खान के बस से बाहर, 164 पर पहुंचा रुपया

संकट में घिरी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और भी बुरे हालात में पहुंच गई है। ऐसे में पाक प्रधानमंत्री इमरान खान से हालात संभाले नहीं संभल रहे। पाक की मंदी का हाल तो यह है कि इंटर बैंकिंग ट्रेड के चलते पाकिस्तानी रुपया बुधवार को अमरीकी डॉलर की तुलना में 164 तक चला गया। दूसरी तरफ़ खुले बाज़ार में भी रुपया 160 के पार पहुंच गया। बुधवार को पाकिस्तानी रुपया एक डॉलर की तुलना में 7.2 रुपए कमज़ोर रहा। रुपया ऐतिहासिक रूप से सबसे निचले स्तर पर आ गया है. पाकिस्तान में इस हफ़्ते सोने की क़ीमत में भी भारी बढ़ोतरी देखी गई।

बुधवार पाकिस्तान में सोने का कारोबार 80,500 रुपए प्रति 12 ग्राम की दर से हुआ। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी 7.6 अरब डॉलर के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। पिछले हफ़्ते स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के गवर्नर डॉक्टर रज़ा बक़ीर ने कहा था, “रुपए में यह गिरावट कुछ वक़्त के लिए ही है।”पाकिस्तान का वर्तमान वित्तीय वर्ष 30 जून का समाप्त हो रहा है। रज़ा बक़ीर ने कहा कि यह गिरावट इसलिए देखी जा रही है क्योंकि कई कंपनियों को 30 जून तक अपने सभी अंतरराष्ट्रीय भुगतान करने होंगे और इसके लिए उन्हें डॉलर की ज़रूरत पड़ रही है।

बता देंकि इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद से पिछले 10 महीने में पाकिस्तानी रुपए में 29 फ़ीसदी की गिरावट आई है। पिछले साल 18 अगस्त को पाकिस्तानी रुपया 123.35 पर था जो 26 मई, 2019 को 160 के पार चला गया। पाकिस्तान के इतिहास में इतनी छोटी अवधि में इतनी बड़ी गिरावट पहली बार हुई है।आईएमएफ़ से छह अरब डॉलर के क़र्ज़ के समझौते को देखते हुए पाकिस्तानी रुपए में और गिरावट की आशंका जताई जा रही है. पाकिस्तान प्रॉफिट से पाक कुवैत इन्वेस्टमेंट को एवीपी रिसर्च के अदनान शेख ने कहा है, ”रुपया इस साल के अंत तक 175 से 180 तक जा सकता है.” अदनान शेख ने कहा, ”रुपए में गिरावट तय है। इसे रोका नहीं जा सकता।आज या कल इसमें गिरावट तय है।
भुगतान के लिए डॉलर की मांग बढ़ रही है और हमारे पास पर्याप्त डॉलर नहीं हैं. ऐसे में हमें डॉलर ख़रीदना पड़ेगा।जब हम डॉलर ख़रीदेंगे तो रुपए में गिरावट आएगी ही।” इमरान ख़ान सरकार में आने से पहले रुपए में गिरावट को लेकर काफ़ी आक्रामक रहते थे. लेकिन अब ख़ुद इमरान ख़ान लाचार दिख रहे हैं। आर्थिक संकट को देखते हुए ही 10 जून को राष्ट्र के नाम संबोधन में पाकिस्तानी पीएम इमरान ख़ान ने सभी पाकिस्तानियों से कहा था कि 30 जून तक अपनी संपत्ति की घोषणा कर दें ताकि वैध और बेनामी संपत्ति का फ़र्क़ पता चल सके।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा था, ”पिछले 10 साल में पाकिस्तान का क़र्ज़ छह हज़ार अरब से 30 हज़ार अरब रुपए तक पहुंच गया है। जो हम चार हज़ार अरब रुपए का सालाना टैक्स इकट्ठा करते हैं उसकी आधी रक़म क़र्ज़ों की किस्तें अदा करने में जाती हैं। बाक़ी का पैसा जो बचता है उससे मुल्क का खर्च नहीं चल सकता है। पाकिस्तानी वो कौम हैं जो दुनिया भर में सबसे कम टैक्स अदा करते हैं लेकिन उन चंद मुल्कों में से है जहां सबसे ज़्यादा ख़ैरात का बोझ है।अगर हम तैयार हो जाएं तो कम से कम हर साल 10 हज़ार अरब रुपए इकट्ठा कर सकते हैं।” पाकिस्तान आईएमएफ़ से छह अरब डॉलर का क़र्ज़ ले रहा है और इस क़र्ज़ के एवज में इमरान ख़ान की सरकार ने वादा किया है कि वो देश की आर्थिक नीतियां उसकी शर्तों के हिसाब से आगे बढ़ाएंगे। पाकिस्तान पर दबाव है कि अगले 12 महीने में 700 अरब रुपए के फंड की व्यवस्था करे।