
यह किसी से छुपा नहीं है कि सभी चीनी अखबार और टेलीविज़न चैनल चीनी सरकार के नियंत्रण में हैं। चीन सक्रिय रूप से ऐसी विश्व व्यवस्था बनाने की कोशिश में है जहां पत्रकारों की भूमिका “सरकारी प्रचार में सहायक” से ज्यादा कुछ नहीं होगी। जिसके तहत कम्युनिस्ट शासन खोजी पत्रकार की आवाज दबाने के लिए उन पर शिकंजा कस रहे हैं ।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के यूएस-चीन इंस्टीट्यूट में क्लेटन ड्यूब के अनुसार खोजी पत्रकारिता को देश व सरकार के सुधार में सहायक मानने की बजाय चिनफिंग सरकार उसे समाजिक स्थिरता के लिए खतरा मानती है। खोजी पत्रकार जांग वेनमिन ने कहा कि चीन में अभिव्यक्ति की आजादी खत्म होती जा रही है। अब खुद को स्वतंत्र और खोजी पत्रकार कहना खतरे से खाली नहीं रहा है।
भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ खबर जुटाने के लिए करीब सालभर हिरासत में रहे रिपोर्टर लियू हु ने कहा कि खोजी पत्रकार चीन में विलुप्तप्राय प्रजाति जैसे हो गए हैं। बता दें कि चिनी मीडिया की आजादी पर हमेशा ही मार पड़ती रही है। पिछले दिनों सत्ताधारी पार्टी के नेता का सेक्स स्कैंडल इंटरनेट पर सार्वजनिक करने पर एक खोजी पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया गया था।
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