
कंबोडिया 1600 टन प्लास्टिक कचरा वापस अमेरिका और कनाडा को भेज देगा। ये जानकारी एक अधिकारी ने देते हुए कहा कि दक्षिणपूर्व एशियाई देशों को स्पष्ट संदेश दिया है कि वह पश्चिम देंशों के इस कूड़ा करकट को स्वीकार नहीं करेगा। कंबोडिया के पर्यावरण मंत्रालय के प्रवक्ता Neth Pheaktra ने बताया कि ये कूड़ा करकट Sihanoukville के बंदरगाह नगर में बीसियों कंटेनर से भरा हुआ मिला था और इन्हे वापस उन देशों को भेजा जाएगा जहां से ये आया है। उन्होंने आगे कहा कि कंबोडिया ऐसा देश नहीं जहां बाहर की तकनीक को डंप किया जा सके।
प्रवक्ता ने कहा कि प्लास्टिक के कचरे 70 कंटेनर अमेरिका द्वारा भेजे गए जबकि 13 अन्य कनाडा से आए थे। चीन ने पिछले वर्ष फैसला लिया था कि विदेशी प्लास्टिक कचरे के आयात पर पाबंदी लगाई जाए, जिससे प्लास्टिक की ग्लोबली रीसाइक्लिंग से हाहाकार मच गई। इससे विकसित देशों को उन देशों की तालाश के लिए संघर्ष करना पड़ा जहां वह अपने इस कूड़ा करकट को भेज सकें। कंटेनरों के परिक्षण करने वाले अधिकारियों ने कहा कि इस कचरे में बहुत ही गंदगी के साथ प्लास्टिक के बंडल भरे हुए थे और इससे कंबोडिया के लोगों को भड़काया गया।
पारदर्शी अंतरराष्ट्रीय कंबोडिया के कार्यकारी निदेशक Preap Kol के फेसबुक पोस्ट पर कहा कि
कूड़ा करकट के कंटेनर भेजना एक ‘गंभीर अपमान’ था।
भारी मात्रा में यह कूड़ा करकट दक्षिण पूर्व एशिया को भेजा गया लेकिन इसका विरोध लगातार बढ़ रहा है।
इंडोनेशिया ने भी इसी महीने घोषणा की थी कि वह भी कूड़ा करकट से भरे दर्जनों कंटेनरों को फ्रांस और अन्य विकसित देशों को वापस भेज रहा है।
पड़ेसी देश मलेशिया ने भी कई प्लास्टिक टनों को उन देंशों में वापस भेज रहा है जहां से ये आया था।
पर्यावरण ग्रुप WWF के अनुसार लगभग 300 मिलियन टन प्लास्टिक का हर वर्ष उत्पादन होता है।
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