
इसराईल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के गठबंधन सरकार बनाने में विफल रहने के बाद उनकी सत्ता से विदाई लगभग तय हो गई है। इसराईल में सोमवार को नेतन्याहू ने सत्ता के लिए संघर्ष छोड़ दिया और इसके साथ ही नेतन्याहू के प्रतिद्वंदी बेन्नी गैंट्ज के सत्ता पर काबिज होने का रास्ता खुल गया है। जब नेतन्याहू नई सरकार गठित करने में सफल नहीं हुए तो इजरायल के राष्ट्रपति रेवेन रिवलिन ने कहा कि अब वो पूर्व आर्मी चीफ बेन्नी गैंट्ज को बहुमत जुटाने और सरकार बनाने का मौका देंगे।
अगर बेन्नी गैंट्ज सरकार बनाने में कामयाब हो जाते हैं, तो पिछले एक दशक से ज्यादा समय बाद नेतन्याहू के अलावा इसराईल में सरकार बनाने वाले वो पहले व्यक्ति बन जाएंगे। अब इसराईल में गठबंधन की सरकार बनाने के लिए बेन्नी गैंट्ज को 28 दिन के अंदर बहुमत जुटाना होगा. हालांकि, बेन्नी गैंट्ज के लिए दूसरे दलों के सांसदों को अपने पाले में लाना और बहुमत जुटाना आसान नहीं होगा।
बता दें कि इसराईल के आम चुनाव में किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। इस चुनाव में बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली दक्षिणपंथी पार्टियों के समूह को 120 सदस्यीय संसद में 55 सीटें मिली हैं, जबकि विपक्षी पार्टियों को कुल 57 सीटों पर विजय हासिल हुई है। इस चुनाव में इसराईल के पूर्व आर्मी चीफ बेन्नी गैंट्ज की ब्लू एंड वाइट पार्टी ने 33 सीटें जीती है, जबकि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को 32 सीटों से ही संतोष करना पड़ा है। इसराईल के सांसदों ने नई सरकार के गठन के बिना नई संसद यानी कनेसेट की शपथ भी ले ली है. पांच महीने में 17 सितंबर को हुए चुनाव में इसराईल की जनता ने दूसरी बार वोट डाला था.
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