भगवान शिव ने नवग्रहों में शनिदेव को न्यायाधीश का दर्जा दिया है। वे सभी धरती वालों के अच्छे-बुरे कर्मों के हिसाब से उन्हें परिणाम देते हैं। जब कुंडली में शनि संबंधित अशुभता आ जाए तो जीवन में बहुत सारी प्रॉब्लम को फेस करना पड़ता है। पुराणों के अनुसार यदि शनिवार के दिन कुछ उपाय कर लिए जाएं तो सभी बिगड़े काम बनने लगेंगे और बहुत सारी अनचाही समस्याओं से बचा जा सकता है।
ब्रह्म मुहूर्त में पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और इस मंत्र का जाप करें- ‘ऊं शं शनैश्चराय नम:’। फिर पीपल को छूकर प्रणाम करने के बाद सात परिक्रमा करें। शनिवार को एक बार ही भोजन करें और 7 बार शनि मंत्र दोहराएं।
कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है तो किसी हनुमान मंदिर जाएं और अपने साथ एक नींबू और 4 लौंग रख लें। इसके बाद मंदिर में पहुंचकर नींबू के ऊपर चारों लौंग लगा दें। फिर हनुमान जी के सामने बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद हनुमान जी से सफलता दिलवाने की प्रार्थना करें और नींबू लेकर कार्य प्रारंभ कर दें। इससे आपके कार्य में सफलता की संभावना बढ़ जाएगी।
हनुमान चालीसा नियम से पढऩा शुरू कर दें। प्रतिदिन संध्यावंदन के साथ हनुमान चालीसा पढऩी चाहिए। संध्यावंदन घर में या मंदिर में की जाती है। पवित्र भावना और शांतिपूर्वक हनुमान चालीसा पढऩे से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है, जो हमें हर तरह की जानी-अनजानी होनी-अनहोनी से बचाती है। हनुमान चालीसा पढऩे के बाद हनुमान जी की कपूर से आरती करें।
शनिवार की सायं हनुमान जी के मंदिर में एक नारियल और लाल रंग का प्रसाद चढ़ाएं। नारियल आधा तुड़वाकर मंदिर में बांट आएं, आधा खा लें।
शनिवार को शनिदेव के मंदिर में जाने से पहले हनुमान जी के मंदिर जाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
शनिवार को सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के नीचे चौमुखा दीपक जलाएं, इससे कभी भी धन, वैभव और यश में कमी नहीं आती।
शनिवार को घोड़े की नाल मिल जाए तो उसे शुभ माना जाता है। शनिवार को यदि नाल मिल जाए तो उसे एकदम घर में न लाएं। रात भर के लिए उसे बाहर ही रखें। दूसरे दिन, सुनार के द्वारा उस नाल के बीच के टुकड़े और थोड़े से ताम्बे को मिला कर एक अंगूठी बनवा लें और उस पर ‘शिवमस्तु’ अक्षर खुदवा लें। दूसरे शनिवार को, सूर्यास्त के बाद उस अंगूठी की पूजा कर, उसे धूप दीप दिखाएं और उसे अनामिका में पहनें। इस नाल का पाया जाना उस व्यक्ति पर शनि महाराज की पूर्ण कृपा हुई है, ऐसा माना जाता है। लेकिन ऊपर बताई विधि पूरी न करने पर विशेष लाभ नहीं होता। भाग्यशाली पाठक को यदि शनिवार को नाल मिल जाए तो ऊपर बताई विधि करें।
शनिवार को हमेशा नीले रंग का रूमाल पास में रखें।