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ईरान ने किया अमेरिकी सेना बेस पर हमला, एक दर्जन से ज्यादा दागीं गई मिसाइल


इराक में अमेरिका के एयरबेस पर ईरान द्वारा मिसाइलों से हमले की पुष्टि की है। पेंटागन के मुताबिक उसके एयरबेस पर एक दर्जन से ज्यादा मिसाइलें दागी गई हैं। एयरबेस पर अमेरिका के साथ गठबंधन सेनाएं तैनात हैं। इस हमले में अमेरिका और गठबंधन सेनाओं को अभी तक किसी भी नुकसान की खबर नहीं है।अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने बताया कि करीब साढ़े पांच बजे इराक में अमेरिकी और गठबंधन सेना के ठिकानों पर 1 दर्जन मिसाइलों से हमला किया गया है।

ईरान ने कहा, ‘यह तो बस पहला कदम है’
ये तो होना ही था, आप किसी के कमांडर को मारोगे तो सामने वाले को जबाबी कार्यवाही करने का हक तो हैं, इस कार्यवाही में ट्रम्प प्राशासन कि गलती हैं, किसी भी देश पर बैन लगा देना हमला कर …+
सभी कॉमेंट्स देखैंअपना कॉमेंट लिखेंबुधवार को ईरानी रिवॉलूशनरी गार्ड कमाडंर ने सरकारी मीडिया से कहा, ‘इराक में यूएस के एयरबेस पर ईरानी मिसाइलों का हमला पहला कदम है। तेहरान अमेरिकी सेना को नहीं बख्शेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को अब यहां से अपनी सेनाओं को हटाना ही होगा या फिर हमारी पहुंच से दूर करना होगा।’

पेंटागन कर रहा है नुकसान का आकलन
अमेरिका सेना बेस पर बुधवार तड़के मिसाइल हमले के बाद पेंटागन ने बयान जारी कर कहा कि वह हमले में हुए नुकसान का आकलन कर रहा है। कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से ही ईरान काफी सख्त तेवर अपनाए हुए हैं। ईरान की ओर से आक्रामक कदम उठाने की आशंका पहले ही जाहिर की जा रही थी।
ड्रोन हमले में हुई थी सुलेमानी की हत्या
यूएस मीडिया सीएनएन न्यूज ने भी एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से हमले की पुष्टि की जहां अमेरिकी सेना का बेस कैंप मौजूद है। इससे पहले भी ईरान ने अमेरिकी दूतावास पर हमला किया था जिसके बाद बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में कासिम सुलेमानी की हत्या की गई थी।
ट्रंप ने ईरान के 52 ठिकानों पर हमले की धमकी दी थी
बता दें कि ईरान के सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। ईरान ने सुलेमानी की मौत का बदला लेने की धमकी दी थी तो अमेरिका ने भी पीछे न हटने की बात कही थी। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान के 52 ठिकानों को निशाना बनाने की धमकी दी थी।
रूहानी ने किया था पलटवार
इसके बाद ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने भी 52 के बदले 290 की बात कही थी। रूहानी ने कहा था कि जो लोग 52 की बात कह रहे हैं उन्हें 290 भी याद रखना चाहिए। बता दें कि डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान के 52 ठिकानों पर निशाने की बात कही थी जिसके बदले में रूहानी ने उन्हें जुलाई 1988 की घटना याद दिलाई जब यूएस वॉरशिप ने ईरानी यात्री विमान पर हमला किया था जिसमें 290 लोगों की जानें गई थीं।