
बीजिंग: भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के विरोध जताने के बावजूद चीन, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने के अपने फैसले पर बरकरार है। भारत दौरे पर अाएं चीन के विदेश मंत्री वांग यी काे सुषमा स्वराज ने इस मुद्दे पर भारत की चिंताएं बताई थी, लेकिन चीन के एक अखबार में लिखा गया कि चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) को लेकर भारत के विरोध के बावजूद चीन इस प्रोजेक्ट को नहीं रोकेगा।
चीन का कहना है कि भारत को इकोनॉमिक कॉरिडोर योजना को लेकर उदार रवैया अपनाना चाहिए, क्योंकि इस योजना से विकास में तेजी आएगी और स्थानीय लोगों को फायदा मिलेगा। अगर चीन और पाकिस्तान के बीच आर्थिक सहयोग से संबंधित क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में सुधार होता है तो इससे भारत के लिए मध्य एशिया में व्यापार के रास्ते खुलेंगे।
अरबों डॉलर का यह कॉरिडोर ग्वादर से शुरू होकर काशगर तक जाएगा, जिसमें गिलगित-बाल्टिस्तान एंट्री गेट का काम करेगा। चीन इस क्षेत्र में औद्योगिक पार्क, हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट, रेलवे लाइन और सड़कें बना रहा है। इससे चीनी कार्गो को पाकिस्तान पहुंचने में सिर्फ 48 घंटे लगेंगे, जबकि अभी इसमें 16 से 25 दिन का समय लगता है।
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