
दुनियाभर में मशहूर अमेरिकी स्वास्थ्य व्यवस्था कोरोना वायरस के चलते गहरे संकट में फंस गई है। चिकित्सा पेशेवरों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में हजारों रोगियों को तत्काल देखभाल की जरूरत पड़ेगी, जिसके मद्देनजर फुटबलॉल के मैदानों, सम्मेलन केन्द्रों और घुड़दौड़ के मैदानों को अस्थायी अस्पताल बनाया जा रहा है।
ट्रंप प्रशासन ने इस खतरनाक स्थिति से निपटने के लिए अपने सभी संसाधन झोंक दिए हैं। प्रशासन ने बढ़ते मरीजों के इलाज के लिए सेवानिवृत चिकित्सकों से मदद मांगी है। सेना की इंजीनियर कोर पूरे देश में युद्धस्तर पर अस्थायी अस्पताल बनाने में जुटी है।
बेहतरीन स्वास्थ्य केन्द्र सेवाओं का केन्द्र न्यूयॉर्क गहरे संकट में फंसा हुआ है।
स्वास्थ्य अधिकारियों को डर है कि जंगल में आग की तरह फैल रहे कोरोना वायरस से पूरे अमेरिका में कई शहरों में ऐसे ही हालात पैदा हो सकते हैं।
आने वाले दिनों में अस्पतालों में संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ने की आशंका के मद्देनजर कई शहरों में हजारों अतिरिक्त बिस्तरों, वेंटिलेटरों और अन्य चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है।
सेना ने अस्थायी अस्पताल बनाने शुरू कर दिए हैं। सम्मेलन केन्द्रों और खेल के मैदानों को अस्पतालों में परिवर्तित किया जा रहा है।
न्यूयॉर्क में इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर प्रकृति गाबा ने कहा, ”कोरोना वायरस के कुछ गंभीर मरीजों को डायलिसिस की जरूरत है, लेकिन हमारे पास पर्याप्त मशीनें नही हैं। मेरे हिसाब से हमने अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था को इतने बुरे दौर से गुजरते कभी नहीं देखा… परिवार के लोगों को मौत की खबर देना दिल तोड़ने वाला होता है।”
स्वास्थ्य अधिकारियों को आशंका है कि आने वाले दो महीनों में अमेरिका में मरीजों की संख्या कई लाख तक पहुंच सकती है, जिनमें से हजारों मरीजों को तत्काल देखभाल और आईसीयू की जरूरत होगी।
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