
भारत कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये दक्षिण कोरिया, जर्मनी, चीन जैसे देशों से अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी खरीदने एवं इस महामारी से निपटने में इन देशों के श्रेष्ठ पहल एवं अनुभवों को अपनाने को इच्छुक है ।
इन देशों में स्थित भारतीय मिशनों से सहयोग के संभावित क्षेत्रों की तत्काल पहचान करने और चिकित्सा उपकरणों एवं प्रौद्योगिकी की खरीद के लिये संबंधित प्राधिकार से सम्पर्क करने को कहा गया है ।
यह पहल ऐसे समय में की गई है जब पिछले कुछ दिनों में देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के पॉजिटिव मामलों की संख्या में तेजी देखी गई है ।
प्रधानमंत्री ने सोमवार को भारतीय उच्चायोग:दूतावासों के प्रमुखों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद के दौरान इस महामारी से निपटने में श्रेष्ठ पहल , नवोन्मेष, वैज्ञानिक अनुसंधान, चिकित्सा उपकरण की जरूरत को रेखांकित किया था ।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, भारत की खास तौर पर दक्षिण कोरिया के व्यापक जांच के उपायों एवं संदिग्धों की डिजिटल निगरानी जैसे कदमों पर खास नजर है ।
दक्षिण कोरिया का ‘पता लगाओ, जांच करो और उपचार करो’ की रणनीति को वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता मिली है । दक्षिण कोरिया ने इस महामारी से निपटने में लॉकडाउन नहीं किया और वहां कारोबार एवं आर्थिक गतिविधियां जारी हैं । चीन द्वारा भी 3300 लोगों की मौत एवं 80 हजार से अधिक लोगों के संक्रमित होने के बाद अपने देश में कोरोना वायरस के और अधिक फैलाव को रोकने के अनुभव को देखते हुए भारत इस संबंध में चीन एवं कुछ अन्य देशों से चिकित्सा उपकरण एवं प्रौद्योगिकी खरीदने को इच्छुक है ।
अधिकारियों ने बताया, ‘‘ हमें भविष्य की जरूरतों के लिये तैयारी करना है । इसलिये हम उपलब्ध श्रेष्ठ प्रौद्योगिकी एवं चिकित्सा उपकरणों के लिये वैश्विक बाजार को देख रहे हैं । ’’ बीजिंग में भारतीय दूतावास को चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिये संबंधित प्राधिकार से समन्वय स्थापित करने को कहा गया है ।
कई अवसरों पर चीन ने कहा है कि वह इस महामारी से निपटने के लिये भारत को हर संभव मदद देने को तैयार है ।
अधिकारियों का कहना है कि भारत तत्काल 10 हजार वेंटिलेटर की खरीद के लिये चीन के कई आपूर्तिकर्ताओं के सम्पर्क में है ।
उन्होंने बताया कि भारत कोरोना वायरस से निपटने के जर्मनी के प्रयासों को भी जांच परख रहा है ।
सूत्रों ने बताया कि वायरस के संक्रमण की प्रयोगशाला जांच के लिये ट्रंप प्रशासन से सहयोग को लेकर वाशिंगटन में भारतीय राजनयिक ट्रंप प्रशासन से समन्वय कर रहे हैं ।
वहीं, इस विषय पर विदेश मंत्री एस जसशंकर और अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पियो से फोन पर चर्चा कर चुके हैं ।
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