
कोरोना वायरस का हमला सबसे पहले झेलने वाले चीन ने इटली से आए उपकरण उसे ही वापस खरीदने पर मजबूर कर दिया। यह दावा अमेरिका के एक अधिकारी ने किया है।
चीन में जब कोरोना वायरस की त्रासदी अपने चरम रूप में थे, उस वक्त इटली ने चीन को पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट दान किए थे। अब जब इटली इस संकट के केंद्र में है, चीन वही उपकरण इटली को वापस बेचना चाहता है। एक अमेरिकी अधिकारी की ओर से यह दावा स्पेक्टेटर मैगजीन में किया गया है। बता दें कि चीन में अब तक3,329 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि अमेरिका में करीब तीन गुना, 9,172 लोगों की जान जा चुकी है।
ट्रंप प्रशासन के एक सीनियर अधिकारी के हवाले से मैगजीन ने लिखा है कि चीन ने इटली पर दबाव डाला है कि वह उसे दिए गए उपकरणों को खरीदे। अधिकारी ने कहा है, ‘यूरोप में कोरोना के आने से पहले इटली ने ये उपकरण चीन को भेजे थे ताकि वहां के लोगों को बचाया जा सके। चीन ने इसमें से कुछ उपकरण वापस इटली भेजे और उसके लिए इटली को चार्ज भी किया।’
भारतीय पत्रकार ने बयां किया करोना से जूझते अमेरिका का हाल
कोरोना वायरस के कहर के आगे दुनिया में महाशक्ति अमेरिका भी बेबस नजर आ रहा है। अमेरिका के ह्यूस्टन में रह रहीं भारतीय पत्रकार हुमा इकबाल ने नवभारत टाइम्स के साथ साझा किया कोरोना वायरस से जूझते अमेरिका का ताजा हाल।
बेकार गई मदद
गौर करने वाली बात यह है कि अब चीन जहां मदद करने की बात कर रहा है वहां भी उसकी मदद बेकार ही साबित हो रहे है। स्पेन ने चीन से आईं 50,000 किट्स वापस लौटा दीं क्योंकि वह डिफेक्टिव थीं। वहीं, नीदरलैंड्स ने भी शिकायत की है कि वहां भेजे गए मास्क सेफ्टी स्टैंडर्ड्स के हिसाब से नहीं थे।
चीन पर आरोप
इस अधिकारी ने चीन पर दुनियाभर में वायरस फैलाने और जानकारी छिपाने का आरोप भी लगाया है जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी पहले कह चुके हैं। अधिकारी ने आरोप लगाया है कि पहले इस वायरस के बारे में जानकारी थी और करीब 5,00,00 लोग अमेरिका आए जो हो सकता है अपने साथ वायरस लेकर आए हों।
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