
अमेरिका में लॉकडाउन के खिलाफ शनिवार को लोग सड़कों पर उतर आए । इसके पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रैटिक शासित राज्यों की तरफ निशाना साधकर ट्वीट किया था जिसमें लिबरेट लिखा हुआ था
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इकॉनमी को फिर से खोलने के पक्ष में हैं और उन्होंने हालांकि लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से खोलना का फैसला संघीय दिशानिर्देशों के तहत राज्य के गवर्नरों पर छोड़ दिया है। लेकिन उन्होंने डेमोक्रैटिक शासित राज्यों की तरफ लक्ष्य करते हुए ‘लिबरेट’ ट्वीट किया, जिसके बाद उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए और लॉकडाउन के प्रति विरोध जताया। ट्रंप का मानना है कि शटडाउन इकॉनमी के लिए खतरा है लिहाजा इसे हटाया जाना चाहिए।
रेंट देने में हो रही हैं दिक्कत, राइफल लेकर प्रदर्शन
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कई राज्यों में लोग बंदूकों के साथ प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए। ऐसे लोगों को रेंट देने और महीने के खर्च चलाने में भी दिक्कतें आ रही हैं। मिशिगन में लॉकडाउन का विरोध कर रहे कुछ प्रदर्शकारी अपने साथ राइफल लेकर पहुंच गए और ट्रैफिक जाम कर दिया। फ्लोरिडा, मिशिगन, मिनसोटा, वर्जीनिया, कैलिफॉर्निीया, मैरीलैंड और वॉशिंगटन में भी ऐसे ही प्रदर्शन देखे गए। इसमें रिपब्लिकन और ट्रंप के समर्थक नजर आए जिनका मानना था कि महामारी को ज्यादा ही बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया और जो इकॉनमी को तबाह कर रही है।
‘डेमोक्रैटिक शासित राज्यों में फैल रहा कोरोना’
परंपरावादी आलोचक और ट्रंप समर्थकों का मानना है कि वॉशिंगटन डीसी ने कोरोना वायरस को लेकर ओवर-रिएक्ट किया। उनका मानना है कि क्षेत्रीय और नस्लीय कारणों ने मुद्दे को पेचीदा बना दिया है और उनका कहना है कि डेमोक्रैटिक के नेतृत्व वाले शहरों में कोरोना ज्यादा फैला। उन्होंने दलील दी कि कोरोना वहां फैला जहां अश्वेत, अल्पसंख्यक, प्रवासी रहते है। उन्होंने यह दावा भी किया कि कोरोना से मौत का आंकड़ा उन राज्यों में कम है जहां श्वेत अमेरिकी रहते हैं औरजो ट्रंप का सपोर्ट बेस है। उधर, डेमोक्रैटिक गवर्नर ने ट्रंप पर यू-टर्न लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने ‘लिबरेट’ ट्वीट से लॉकडाउन के लिए खिलाफ लोगों को भड़काने। न्यूय़ॉर्क के गवर्नर एंड्रूय क्युमो ने कहा, ‘अपना काम करने के लिए आपका शुक्रिया।’
प्रदर्शन से निराश विशेषज्ञ, फिर से फैल सकता है कोरोना
आलोचकों का मानना है कि लॉकडाउन की जरूरत नहीं थी, वहीं विशेषज्ञ अभी भी शटडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की सलाह दे रहे हैं। उनका मानना है कि कोविड19 महामारी से लोग के ठीक होने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें जीवनदान मिल गया है। उनका कहना है कि शरीर में मौजूद ऐंटीबॉडीज कुछ महीनों के लिए ही सुरक्षा दे सकते हैं और ऐसा मामला देखा गया है जब ठीक हुए मरीज में फिर से इन्फेक्शन देखा गया है।
कोरोना वायरस अमेरिका में अब तक 38 हजार से अधिक लोगों की जानें ले चुका है। शुरुआत में ऐसा अनुमान जताया जा रहा था कि यहां 1 लाख से ज्यादा जानें जाएंगी। वहीं इसके उलट यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन्स इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ मेटरिक्स ऐंड इवैलुएशन ने अपने अनुमान घटा दिए हैं जिसका मानना है कि देश में 60,308 लोगों की जानें जा सकती हैं जो कि पहले 68 हजार से अधिक जताई गई थी।
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website