
अपने जिगरी दोस्त चीन की तरह ही पाकिस्तान द्वारा भी कोरोना वायरस के असली आंकड़े छिपाए जाने की आशंका है। पाक के प्रमुख अखबार ‘द ट्रिब्यून’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले कराची शहर में 49 दिनों में 3265 शव दफनाए गए। यह आंकड़ा कराची शहर के सिर्फ 30 कब्रिस्तानों का है। ज्यादातर लोगों की मौत की कोई वजह या तो बताई नहीं गई या फिर इनके टेस्ट ही नहीं किए गए। दूसरी तरफ, शुक्रवार शाम तक यहां कुल सात हजार 300 मामले सामने आए। इस दौरान आधिकारिक तौर पर 137 लोगों के मरने की पुष्टि की गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, 30 कब्रिस्तानों में 49 दिन में 3265 लोगों को दफनाए जाने का आंकड़ा गुरुवार को सरकारी डाटा से मिला है। दरअसल, मीडिया के कुछ हिस्सों में कई दिन से यह खबरें आ रही हैं कि कोरोना से पाकिस्तान में बड़ी तादाद में लोग मारे जा चुके हैं। लेकिन, सरकार इनकी पुष्टि नहीं कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर आंकड़े और मौत की वजह छिपाई जाती है तो यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। कराची के सरकार अस्पतालों से लिए गए आंकड़ों के मुताबिक, इस साल
शुरू के तीन महीनों यानी जनवरी से लेकर मार्च तक 10 हजार 791 मरीजों को इमरजेंसी में लाया गया। इनमें से 121 की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक, किसी भी मरीज की मौत की वजह के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई और न ही इनके टेस्ट किए गए। हैरानी की बात ये है कि अस्पतालों ने भी मौत का कारण जानने की कोशिश नहीं की। यह भी पता लगाने की कोशिश नहीं की गई कि कहीं इन लोगों के मरने की वजह कोविड-19 तो नहीं है।
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