
पिछले साल सभी को चौंकाने वाली कंपनी लुई विटन मोएत हेनेसी के चैयरमेन और सीईओ बर्नार्ड अरनॉल्ट के कोरोना संकट में 2.28 लाख करोड़ रुपए डूब गए हैं। लग्जरी गुड्स कंपनी के मालिक बनार्ड ने पिछले साल बना रातों रात दुनिया की टॉप 3 अमीरों में जगह बनाई थी। लेकिन साल 2020 उनके लिए अच्छा नहीं रहा है। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग के मुताबिक, कोरोना इस संकट में अरबपति बर्नार्ड अरनॉल्ट के 2.28 लाख करोड़ रुपये डूब गए है। ये गिरावट दुनिया के किसी भी अरबपति की संपत्ति में आई कमी से बड़ी है। आपको बता दें कि बर्नार्ड अरनॉल्ट अभी भी दुनिया के तीन सबसे अमीरों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर है।
अरनॉल्ट के पास एलवीएमएच कंपनी के 50 फीसदी शेयर हैं। यहां तक कि फैशन हाउस क्रिश्चियन डायर के करीब 97 फीसदी शेयर हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लॉकडाउन के बीच बंद बिजनेस एक्टिविटी के चलते उनकी कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट आई है। इसी वजह से उनकी नेटवर्थ घट गई है।
अर्नाल्ट ने 1984 में लग्जरी गुड्स मार्केट में कदम रखा था। उन्होंने टेक्सटाइल ग्रुप का अधिग्रहण किया था, जिसके पास क्रिश्चियन डायर का भी स्वामित्व था। चार साल बाद उन्होंने कंपनी के अन्य बिजनेस बेच दिए और एलवीएमएच में कंट्रोलिंग स्टेक खरीद लिया। उनके आर्ट कलेक्शन में मॉडर्न और कन्टेंपररी पेंटिंग्स हैं, जिनमें पिकासो और वारहोल की पेंटिंग्स भी शामिल हैं। बीते दिनों फ्रांस की राजधानी पेरिस के नोट्रे डेम कैथेड्रल चर्च में आग लगी थी। काफी नुकसान पहुंचा था। बर्नाल्ड ने 65 करोड़ डॉलर दान दिए थे। यहां तक कि गेट्स ने भी 35 अरब डॉलर दान दिए थे।
बर्नार्ड के बारे में कहा जाता हैं कि ऐतिहासिक रूप से, अर्नाल्ट ने मंदी के दौर से बाहर निकल कर एक ऐसा करियर बनाया है, जब उनके प्रतियोगी बहुत कमजोर हो गए थे या आगे निकलने के लिए बहुत कमज़ोर थे। साल 2000 के दशक की शुरुआत में मंदी ने उन्हें अपने नए खरीदें फेंडी ब्रांड में प्रादा ग्रुप एसपीए को अपने हिस्से से बाहर निकालने का मौका दिया। यह तब भी था जब उन्होंने पहला लक्जरी ई-कॉमर्स एम्पोरियम लॉन्च किया था और टोक्यो में बनाया था, तब लुई विटन की सबसे बड़ी दुकान थी।
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