
इमरान खान (Imran khan) ने आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद भारत को अकड़ दिखाते हुए व्यापार संबंध (trade relations) को सस्पेंड कर दिया था और अब यह दांव पाकिस्तान पर उलटा पड़ गया है
भारत के साथ ट्रेड संबंध सस्पेंड करने वाले पाकिस्तान को अपनी हालात समझने में ज्यादा देर नहीं लगी। कोरोना संकट ने उसे समझा दिया कि भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को सस्पेंड करने का उसपर कैसा प्रतिकूल असर हो रहा है। अब हालात यह आ गए हैं कि जरूरी दवाओं के आयात की आड़ में वह भारत से खाने-पीने की चीजें मंगवा रहा है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को निरस्त करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार संबंध तो सस्पेंड किया ही था साथ ही ट्रेन और बस सेवा तक रोक दी थी।
क्या है पूरा मामलादरअसल, पाकिस्तान यंग फार्मासिस्ट असोसिएशन ने पीएम इमरान खान के विशेष सहायक शहजाद अकबर को चिट्ठी लिखकर शिकायत की है कि ट्रेड सस्पेंड होने के बाद भी भारत से 450 से ज्यादा दवाइयां मंगवाई जा रही हैं। असोसिएशन ने बताया, ‘सरकार को कैंसर की दवा की कमी की जानकारी दी गई थी लेकिन संघीय सरकार की तरफ से जारी समरी में सभी तरह की दवाइयों के साथ ही सरसों तेल के आयात को भी मंजूरी दे दी गई है।’ संस्था ने कहा कि हमने कॉमर्स मिनिस्ट्री को आवश्यक दवाइयों के आयात की मंजूरी की समरी भेजी तो उसमें सभी प्रकार के दवाइयों को शामिल कर दिया गया।
इमरान सेविपक्ष ने मांगा हिसाब
विपक्षी पार्टी पीएमएल-एन ने केंद्र सरकार ने दवाइयों के घोटालों के आरोप लगाए हैं। इसके साथ पीएमएल-एन ने ताना मारते हुए कहा कि अगर हमारे कार्यकाल में ऐसा कुछ होता तो हमें तुरंत ही देशद्रोही कह दिया जाता और मकुदमा भी दायर कर दिया जाता। वहीं, पीपीपी ने भी भारत से अरबों रुपये की दवाइयों के आयात की जांच की मांग की है। पार्टी नेता नैय्यर हुसैन बुखारी ने कहा कि व्यापार प्रतिबंध के बावजूद दवाइयों का आयात हो रहा है और इसके लिए जिम्मेदार शख्स का पता लगाया जाना चाहिए।
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