
Russia ने दावा किया है कि Coronavirus Treatment में Antiviral Drug favipiravir कारगर साबित हो सकती है। उसके Clinical Trial के शुरुआती दौर में सकारात्मक नतीजे मिले हैं।
कोरोना वायरस के इलाज के लिए दवा की खोज में रूस को सकारात्मक नतीजे मिले हैं। रूस के डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) और टॉप फार्मेसी ग्रुप ChemRar ने ऐलान किया है कि Favipiravir नाम की दवा के ट्रायल में 60% मरीज कोरोना वायरस के लिए निगेटिव पाए गए। अस्पताल में भर्ती 40 मरीजों पर रैंडम तरीके से क्लिनिकल ट्रायल किया गया था। ट्रीटमेंट के 5 दिन बाद वे निगेटिव पाए गए। इस प्रॉजेक्ट के लिए RDIF ने 2 मिलियन डॉलर का फंड दिया है।
Favipiravir सबसे पहले जापान में 1990 के दशक में Avigan नाम से बनाई गई थी। यह इन्फ्लुएंजा जैसे RNA वायरसों के रीप्रोडक्शन मकैनिज्म में शॉर्ट-सर्किट कर अपना असर दिखाती है। रूस के अकैडमी ऑफ साइंसेज के प्रफेसर और ChemRar में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के चेयरमैन ऐन्ड्री इवाशेंको के मुताबिक मई के अंत तक 330 मरीजों का क्लिनिकल ट्रायल हो जाएगा।
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अभी टेस्टिंग जरूरी
इवाशेंको ने बताया कि शुरुआती नतीजों में इस दवा का कोई साइड इफेक्ट नजर नहीं आया है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं के ऊपर इसका टेस्ट नहीं किया गया। खास बात यह है कि Avigan के इस्तेमाल से जापान में बर्थ डिफेक्ट देखे गए थे। फिलहाल यह भी नहीं का जा सका है कि गंभीर रूप से बीमार मरीजों पर इसका कितना असर होगा।
भारत की Glenmark Pharmaceuticals Ltd. भी Favipiravir का ट्रायल कर रही है। वहीं, रूस जानवरों को वैक्सीन प्रोटोटाइप भी टेस्ट कर रहा है।
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