
चीन के साउथ चाइना सी में कब्जे के इरादों पर फिलीपीन्स ने पानी फेर दिया है। फिलीपीन्स के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतर्ते ने अमेरिका को लेकर बड़ा ऐलान करते हुए उसके साथ दो दशक पुराने विजिटिंग फोर्सेज एग्रीमेंट (VFA)को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। 2016 में सत्ता में आने के बाद से रोड्रिगो का झुकाव चीन की तरफ ज्यादा था जिस कारण अमेरिका से फिलीपीन्स की तल्खियां भी बढ़ी।
फिलीपीन्स के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिका ने मनीला के पास स्थित अपने सैन्य बेस को वियतनाम में शिफ्ट करने का ऐलान किया था लेकिन, कोरोना वायरस के कारण बदली परिस्थितियां, देश में चीन का व्यापक विरोध और बिगड़ती अर्थव्यवस्था ने रोड्रिगो को अपने कदम पीछे खींचने को मजबूर कर दिया। जिसके बाद से उन्होंने अमेरिका के साथ सैन्य बेस को बनाए रखने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किया। विशेषज्ञों ने फिलीपीन्स के इस यूटर्न को साउथ चाइना सी में चीन के बढ़ते प्रभाव से जोड़ा है। बता दें कि साउथ चाइना सी से दुनिया का 30 फीसदी व्यापार होता है।
चीन पूरे साउथ चाइना सी पर ही अपना दावा करता है। जबकि उसके दावे को वियतनाम, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और ताइवान नकारते रहे हैं। चीन ने पिछले एक दशक में कई कृत्रिम द्वीपों का निर्माण कर अपनी विस्तारवादी रणनीति को खुलेआम दर्शाया है। बता दें कि चीन के दक्षिण साउथ चाइना सी में दावों के खिलाफ मलेशिया, फिलीपींस, वियतनाम और इंडोनेशिया ने संयुक्त राष्ट्र में कई राजनयिक नोट भी दाखिल किए हैं। इतना ही नही चीन ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अपने सैन्य जहाजों के जरिेए बाकी देशों के परिवहन और मछली पकड़ने वाली नौकाओं के खिलाफ कार्रवाई की है। फरवरी में ही चीन के एक युद्धपोत ने फिलीपीन्स के एक फिग्रेट पर लेजर गन तान दी थी।
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