
पश्चिमी यूरोप में मों ब्लां पर्वत श्रृंखला पर फ्रांसीसी बोसन्स ग्लेशियरों से 1966 में इंदिरा गांधी की चुनावी विजय की सुर्खियों वाले भारतीय अखबार मिले हैं। इस स्थान पर उसी साल एअर इंडिया का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। फ्रांस के एक अखबार के अनुसार 24 जनवरी, 1966 को यूरोप की सर्वोच्च पर्वत श्रृंखला में एअर इंडिया का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसके मलबे में से ‘नेशनल हेराल्ड’ और ‘इकनोमिक टाइम्स’ समेत करीब एक भारतीय अखबारों की प्रतियां मिली हैं। फ्रांसीसी रिसॉर्ट शामोनी से भी ऊपर, 1350 मीटर की ऊंचाई पर एक कैफे-रेस्तरां चलाने वाले तिमोथी मोतीन को यह अखबार मिला।
उल्लेखनीय है कि 24 जनवरी, 1966 को यूरोप की सर्वोच्च पर्वत श्रृंखला में एअर इंडिया का जो विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, उसमें भारतीय परमाणु परियोजना की परिकल्पना करने वाले वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा भी सवार थे। ब्रिटेन के ‘द गार्डियन’ अखबार और अन्य एजेंसियों ने स्थानीय फ्रांसीसी अखबार ‘ली डाउपिन लिबेरे’ को टिमोथी द्वारा दी गयी जानकारी के हवाले से लिखा ‘‘वे अभी सूख रहे हैं लेकिन बहुत अच्छी स्थिति में हैं। आप उन्हें पढ़ सकते हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘यह असामान्य बात नहीं है। जब भी हम दोस्तों के साथ ग्लेशियर पर घूमते हैं तो हमें दुर्घटनाग्रस्त विमान का मलबा मिलता है। आपको अनुभव से समझ में आ जाता है कि कहां पर चीजें हैं।”
एअर इंडिया बोइंग 707 विमान हवाई यातायात नियंत्रण से संबंधित किसी संवादहीनता की वजह से पहाड़ों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें उस पर सवार चालक दल के सदस्यों समेत सभी 177 लोग मारे गए थे। मोटिन का कैफै बोसन ग्लेशियर से करीब 45 मिनट की पैदल दूरी पर है। मोटिन ने कहा कि उन्हें किस्मत से अखबार मिल गS क्योंकि जिस बर्फ में वह करीब छह दशक से दबे हुए थे, वह शायद हाल ही में पिघलनी शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि ये अखबार सूखने के बाद दुर्घटनाग्रस्त विमान के मलबे के उस संग्रह का हिस्सा बन जाएंगे जिसे मोटिन ने अपने कैफे में आनेजाने वाले लोगों के लिए सजा रखा है।
एअर इंडिया के विमान की इस दुर्घटना से संबंधित अनेक चीजें 2012 से मिलनी शुरू हुई थीं। 2012 में राजनयिक डाक का एक थैला मिला था जिसमें ‘भारत सरकार की सेवा में, राजनयिक डाक, विदेश मंत्रालय’ की मुहर लगी थी। एक साल बाद एक फ्रांसीसी पर्वतारोही को धातु का एक डिब्बा मिला जिस पर एअर इंडिया का लोगो था और उसमें 117,000 से लेकर 230,000 ब्रिटिश पाउंड कीमत के पन्ने, नीलम और माणिक्य थे। इस इलाके में 2017 में मानव अवशेष भी मिले जिन्हें 1966 के दुर्घटनाग्रस्त विमान या 1950 में इलाके में दुर्घटना का शिकार हुए एक अन्य भारतीय विमान ‘मालाबार प्रिंसेस’ से संबंधित माना जा रहा है।
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website