
मॉरीशस तट पर हजारों टन ईंधन से भरा जहाज लीक; खतरे में 13 लाख लोगों की जान, एमरजेंसी घोषित मॉरीशस तट पर फंसे जापान के एक जहाज से हजारों टन ईंधन के रिसाव शुरू होने के बाद पर्यावरणीय आपातकाल घोषित कर दिया गया। प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने उपग्रह से ली गई तस्वीरों में पर्यावरणीय इलाकों के पास नीले जल में गहरे रंग का तैलीय पदार्थ फैलता देखकर इसे “बेहद संवेदनशील” बताया और आपातकाल की घोषणा की । मॉरीशस ने कहा कि यह पोत करीब 4,000 टन ईंधन ले जा रहा था और इसके निचले हिस्से में दरारें आ गईं हैं। जगन्नाथ ने इससे पहले दोपहर में कहा था कि उनकी सरकार मदद के लिए फ्रांस से अपील कर रही है।
उन्होंने साथ ही कहा था कि यह रिसाव 13 लाख की आबादी वाले उनके देश के लिए “एक खतरा” है जो मुख्यत: पर्यटन पर आश्रित है और कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के प्रभावों से बुरी तरह प्रभावित है। उन्होंने कहा, “हमारे देश के पास फंसे हुए पोतों को फिर से प्रवाहमान बनाने का कौशल और विशेषज्ञता हासिल नहीं है, इसलिए मैंने फ्रांस और राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से मदद की अपील की है।” उन्होंने कहा कि खराब मौसम से कार्रवाई करना असंभव हो गया है और “मुझे इस बात की चिंता है कि रविवार (9 अगस्त) को क्या होगा जब मौसम और खराब हो जाएगा।”
फ्रांस का रीयूनियिन द्वीप मॉरीशस का करीबी पड़ोसी है और फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि फ्रांस मॉरीशस का “प्रमुख विदेशी निवेशक” और उसके बड़े व्यापार साझेदारों में से एक है। जगन्नाथ ने पोत ‘एमवी वाकाशियो’ की एक तस्वीर पोस्ट की जो खतरनाक ढंग से झुका हुआ है। मॉरीशस मौसम विज्ञान सेवा ने कहा ”समुद्र में अत्यधिक खतरा है। समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी जाती है।”
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